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सूरत

SURAT NEWS: गोल्डन ब्रिज पर होगा तीन रंग में रंगे तिरंगे का एहसास

-वर्ष 1881 में ब्रिटिशकाल के दौरान बनकर तैयार गोल्डन ब्रिज पर ब्रिटिश सरकार ने लगाया था एक जमाने में सोने के ताला

सूरतMay 17, 2022 / 08:13 pm

Dinesh Bhardwaj

SURAT NEWS: गोल्डन ब्रिज पर होगा तीन रंग में रंगे तिरंगे का एहसास

SURAT NEWS: गोल्डन ब्रिज पर होगा तीन रंग में रंगे तिरंगे का एहसास

golden bridge गुजरात की लाइफलाइन नर्मदा नदी पर भरुच में ब्रिटिशकाल में बना गोल्डन ब्रिज एक दिन पहले ही 142 साल का हुआ है और इसे जल्द ही केसरिया, सफेद व हरे तीन रंग के तिरंगे के रूप में रंगा जाएगा। नर्मदा मैया ब्रिज शुरू होने के बाद से ऐतिहासिक गोल्डन ब्रिज से वाहनों के आवागमन की उपयोगिता बिल्कुल घट गई है और इसकी सेवानिवृत्ति भी हो चुकी है।
141 साल पहले अंग्रेज सरकार ने भरुच में नर्मदा के दो किनारों को जोडऩे के लिए गोल्डन ब्रिज का निर्माण करवाया था। करीब 1300 मीटर लम्बे गोल्डन ब्रिज को बनाने में ब्रिटिश सरकार ने नदी में 25 स्पान पर पौने तीन लाख से ज्यादा रिवेट, 850 गर्डर व 25 उपयोग किया था। 2012 में गोल्डन ब्रिज को गोल्डन कलर से रंगा गया था और अब इसकी सेवानिवृत्ति होने पर तिरंगे का चोला पहनाया जाने की तैयारियां है। नर्मदा नदी पर गोल्डन ब्रिज के विकल्प के रूप में नया नर्मदा मैया ब्रिज बनकर तैयार हो गया है और करीब 10 माह से इसका उपयोग जारी है और इन बीते दस माह में गोल्डन ब्रिज से गिनती के वाहन गुजरे हैं। गोल्डन ब्रिज की वाहन परिवहन उपयोगिता खत्म होने पर इसे स्वदेशी प्रतीक के रूप में रखने के लिए भरुच की दो कलर कंपनियां गोल्डन ब्रिज को तिरंगे का आकर्षक रूप देने की तैयारियां कर चुकी है। इन कंपनियों के समक्ष यह प्रस्ताव स्थानीय विधायक दुष्यंत पटेल ने रखा था। तिरंगे के स्वरूप में गोल्डन ब्रिज सजकर देश में पहला ब्रिज बनकर जल्द दिखाई देगा।
-यूं पड़ा नाम गोल्डन ब्रिज

नर्मदा नदी पर 141 साल पहले निर्मित गोल्डन ब्रिज का नाम रखे जाने की भी दिलचस्प वजह रकी है। ब्रिज के निर्माण के दौरान तत्कालीन ब्रिटिश सरकार ने इस पर सोने का ताला लगाया था और इसके निर्माण में जो लागत आई थी, उससे बताया जाता है कि सोने का पुल बनकर तैयार हो सकता था। इसके अलावा भारत में पहला टोल टैक्स भी 1941-42 में गोल्डन ब्रिज पर ही लागू किया गया था, हालांकि देश की स्वतंत्रता के बाद गोल्डन ब्रिज से टोल टैक्स समाप्त कर दिया गया था।
-141 वर्ष के एैतिहासिक ब्रिज पर एक नजर-

-16 मई 1881 को कार्यरत गोल्डन ब्रिज आज भी कायम,


-भरुच-अंकलेश्वर के बीच नर्मदा पर बना गोल्डन ब्रिज वर्ष 1965 व 1971 के भारत-पाकिस्तान की लड़ाई में देश के उत्तर छोर को दक्षिण से जोडऩे वाला एक मात्र पुल रहा।

-गोल्डन ब्रिज की डिजाइन ब्रिटिश अभियंता सर जॉन हॉकशा ने बनाई थी। इसका निर्माण टी. व्हाइट व जीएम बैली ने किया था।


-चीफ रेजिडेंट इंजीनियर एफ. मैथ्यू व रेजिडेंट इंजीनियर एचजे हारचेव ने 7 सितंबर 1878 को गोल्डन ब्रिज निर्माण की शुरुआत की थी।

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