-यूं पड़ा नाम गोल्डन ब्रिज नर्मदा नदी पर 141 साल पहले निर्मित गोल्डन ब्रिज का नाम रखे जाने की भी दिलचस्प वजह रकी है। ब्रिज के निर्माण के दौरान तत्कालीन ब्रिटिश सरकार ने इस पर सोने का ताला लगाया था और इसके निर्माण में जो लागत आई थी, उससे बताया जाता है कि सोने का पुल बनकर तैयार हो सकता था। इसके अलावा भारत में पहला टोल टैक्स भी 1941-42 में गोल्डन ब्रिज पर ही लागू किया गया था, हालांकि देश की स्वतंत्रता के बाद गोल्डन ब्रिज से टोल टैक्स समाप्त कर दिया गया था।
-141 वर्ष के एैतिहासिक ब्रिज पर एक नजर- -16 मई 1881 को कार्यरत गोल्डन ब्रिज आज भी कायम,
-भरुच-अंकलेश्वर के बीच नर्मदा पर बना गोल्डन ब्रिज वर्ष 1965 व 1971 के भारत-पाकिस्तान की लड़ाई में देश के उत्तर छोर को दक्षिण से जोडऩे वाला एक मात्र पुल रहा।
-गोल्डन ब्रिज की डिजाइन ब्रिटिश अभियंता सर जॉन हॉकशा ने बनाई थी। इसका निर्माण टी. व्हाइट व जीएम बैली ने किया था।
-चीफ रेजिडेंट इंजीनियर एफ. मैथ्यू व रेजिडेंट इंजीनियर एचजे हारचेव ने 7 सितंबर 1878 को गोल्डन ब्रिज निर्माण की शुरुआत की थी।