महुवा तहसील के आंगलधरा गांव स्थित मॉ कृपा वे-ब्रिज की कार्यालय में गांव के ही संजयसिंह दिलीपसिंह देसाई (32) की किसी अज्ञात लोगों ने 8 जून की मध्यरात्रि 6 गोली दाग कर हत्या कर दी थी। इस मामले में मृतक की पत्नी कृपा देसाई ने अज्ञात लोगों के खिलाफ महुवा पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में पत्नी ने संजयसिंह के बहन और बहनोई पर शक व्यक्त की थी। उसने शिकायत मे बताया कि दोनों बहन और बहनोई का संजयसिंह के साथ संपत्ति को लेकर विवाद चल रहा है और कई बार विवाद भी हो चुका है। साथ ही एक बार तो बहनोई ने संजयसिंह को जान से मरने की धमकी भी दे दी थी। इस मामले की जांच स्थानीय पुलिस कर रही थी लेकिन कोई कड़ी नहीं मिलने के बाद जांच सूरत जिला एलसीबी और एसओजी की टीम को सौंपी गई।
इस मामले में अलग-अलग दिशा में जांच के लिए पुलिस की कई टीमें बनाई गई। पत्नी की शंका के आधार पर पुलिस ने बहन-बहनोई और संजय के पिता दिलीपसिंह से पूछताछ की, लेकिन इस में भी कोई सुराग हाथ नहीं लगा। इस बीच पुलिस ने संजयसिंह के परिवार के साथ निकट के संबंध रखने वाले व्यक्तियों की पूछताछ और कॉल डिटेल की जांच की। वहीं आसपास के गेस्ट हाउस में भी तलाशी ली गई जिसमें हत्या के दो दिन पूर्व राजस्थान से आए दो व्यक्ति पास के उनाई गांव के महाकाली गेस्ट हाउस मे ठहरे होने की जानकारी पुलिस को मिली।
इसी दिशा में जांच कर रही पुलिस को पता चला कि संजयसिंह के घर में किरायेदार और उनकी ही जगह में किराने की दुकान चलाता कानसिंह उर्फ कांति दानसिंह राजपुरोहित (32) का संजयसिंह की पत्नी कृपा के साथ अवैध संबंध थे। इस बात का पता चलने के बाद पुलिस ने इसी दिशा मेंं जांच शुरू की। इसमें मोबाइल लोकेशन, कॉल डिटेल और अन्य टेक्निकल एनालिसिस के बाद हत्या कानसिंह उर्फ कान्ति ने ही कृपा के साथ मिलकर करवाई होने के पुख्ता सबूत मिले। पुलिस मामले की जांच कर ही रही थी तभी पुलिस को सूचना मिली कि हत्या कराने वाली कांति राजपुरोहित और श्रवण राजपुरोहीत और सुपारी लेने वाला हनुमान सिंह माधु सिंह राजपुरोहित (निवासी बालोतरा, बाड़मेर राजस्थान) बारडोली पलसाणा मार्ग पर वणेसा गांव के पास एकत्रित होकर सुपारी के रुपए की लेनदेन को लेकर बातचीत कर रहे हैं। इस पर पुलिस ने मौके पर पहुंच कर तीनों को हथियार के साथ गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस पूछताछ में बदमाशों ने आंगलधरा निवासी संजयसिंह की हत्या करना स्वीकार किया। पुलिस ने तीनों के साथ संजयसिंह की पति कृपा को भी गिरफ्तार कर लिया। वहीं अन्य एक आरोपी पहादसिंह तेजसिंह राजपुरोहित (निवासी बालोतरा, बाड़मेर राजस्थान) को वांछित घोषित किया।
मृतक के घर में किराये पर रहता था आरोपी कानसिंह गिरफ्तार आरोपी कानसिंह उर्फ कान्ति मृतक संजय सिंह के घर के प्रथम मंजिल पर पिछले आठ साल से किराए पर रहता था और उनके वजनकांटा के बाजू में ही किराना की दुकान चलाता था। कांति का संजय की पत्नी के साथ अवैध संबंध थे। दोनों बार-बार मिलते रहते थे और मोबाइल फोन पर भी बात करते रहते थे। दोनों के बीच के अवैध संबंध का संजयसिंह को पता चल गया था।
इस बात को लेकर संजयसिंह ने एक बार कांति को समझाया भी था। इसके बाद से कांति को शक था की संजयसिंह उसे मार देगा। इस बारे में उसने कृपा को भी बताया कि संजयसिंह उसे मार सकता रहै। इसके बाद दोनों ने तय किया कि अगर संजयसिंह नहीं रहेगा तो ही दोनों के साथ रह सकेंगे। इसके बाद कृपा और कांति ने संजयसिंह को रास्ते से हटाने का प्लान बनाया।
संपत्ति को लेकर बहन-बहनोई से था विवाद
मृतक और बहन-बहनोई के बीच संपत्ति को लेकर विवाद चल रहा था। वहीं बहन-बहनोई और संजयसिंह के बीच झगड़ा भी हुआ था। साथ ही एक बहनोई ने संजयसिंह को जान से मारने की धमकी भी दी थी। इस विवाद के बारे में रिश्तेदार और ग्रामीण भी जानते थे। ऐसे में संजयसिंह को मार कर हत्या का आरोप बहन बहनोई पर लगाने का प्लान बना दोनों ने हत्या की सुपारी देने का तय किया।
इस तरह रची हत्या की साजिश
संजयसिंह की हत्या के लिए कांति ने अनावल में चांदनी रेडिमेड नामक दुकान चलाने वाले उसके दोस्त श्रवणसिंह बाबूसिंह राजपुरोहित से संपर्क किया। इसके बाद कांति ने श्रवण को कृपा से भी मिलवाया। तीनों ने मिलकर संजयसिंह की हत्या करने की साजिश रची और श्रवणसिंह को हत्या की सुपारी दी। श्रवण ने राजस्थान के बलोतरा निवासी उसकी बुआ के लडक़े हनुमानसिंह माधुसिंह राजपुरोहित से संपर्क किया, जो इससे पहले दो हत्या और एक हत्या के प्रयास मामले में फिलहाल जमानत पर है। उनके साथ 10 लाख रुपए में संजयसिंह की हत्या करना तय किया। इसमें से 5 लाख कान्ति देगा और 5 लाख संजयसिंह की बीमा पॉलिसी आने के बाद कृपा देगी ऐसा तय हुआ था।
हत्या से पहले सुपारी लेने वाले हनुमानसिंह राजपुरोहित ने अपने दोस्त पहाड़सिंह तेजसिंह राजपुरोहित के साथ मिलकर कार में कांति के साथ राजस्थान से आंगलधरा पहुंचे और संजयसिंह का घर, उनका वजन कांटा, वजनकांटा में कब उपस्थित रहता है इसकी बारीकी से जानकारी प्राप्त की। इसके बाद तीनों वापस राजस्थान चले गए। 4 जून को हनुमानसिंह और पहाड़सिंह पिस्टल के साथ कार से वापस आंगलधरा पहुंचे। वहां उनाइ के महाकाली गेस्ट हाउस में ठहरे। उनाइ से आंगलधरा आने के लिए अनावल निवासी श्रवणसिंह ने उसके लिए एक बाइक की भी व्यवस्था कराई थी। बाद में 8 जून की रात दोनों ने वजन कांटा पर मौजूद संजयसिंह पर 6 गोलियां दाग कर भाग निकले।