पिता डॉ. शीतल ने बताया कि स्तुति पढऩे में शुरू से ही होशियार थी। 10वीं की पढ़ाई के दौरान एलन से उसे कोटा आकर पढऩे के लिए कहा गया। तब उसकी माता डॉ. हेतल भी प्रेक्टिस कर रही थी। बेटी के अच्छे भविष्य के लिए कोटा के डीडीपीएस स्कूल में प्रवेश दिलाया और विभिन्न प्रवेश प्ररीक्षाओं की तैयारी शुरू करवाई। अनजान शहर में बेटी को अकेले छोडऩे के बजाया हेतल ने बेटी के साथ रहना पसंद किया। इसके लिए उसने अपनी प्रेक्टिस तक छोड़ दी।
माता डॉ. हेतल ने बताया कि बेटी होनहार है, उसका सपना किसी भी क्षेत्र में देश का नाम दुनिया भर में रोशन करना है। हमने उसके इस सपने को समर्थन दिया। बेटी के लिए प्रेक्टिस छोड़ दी और तीन साल तक कोटा में उसके साथ रही। अब जब बेटी ने एक मुकाम हासिल कर लिया है, तो फिर से प्रेक्टिस शुरू कर देंगे।
स्तुति ने बताया कि उसे अमरीका में स्थित विश्व के श्रेष्ठतम संस्थान मैसाच्युसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी(एमआइटी) में एडमिशन मिल चुका है। वहां से पढ़ाई के बाद रिसर्च के क्षेत्र में देश का गौरव बढ़ाना है। माता-पिता ने मेरे सपने को साकार करने के लिए काफी संघर्ष किया है और अभी भी कर रहे हैं।