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सूरत

क्विक रिस्पोंस टीम के सुरक्षा घेरे में सूरत स्टेशन, फिर भी सुरक्षा नाकाफी

बम निरोधक दस्ते ने की सूरत-मालदा एक्सप्रेस की जांच
आरपीएफ और जीआरपी ने सिटी पुलिस के साथ चलाया संयुक्त तलाशी अभियान

सूरतFeb 19, 2019 / 09:40 pm

Sanjeev Kumar Singh

surat photo

क्विक रिस्पोंस टीम के सुरक्षा घेरे में सूरत स्टेशन, फिर भी सुरक्षा नाकाफी

संजीव सिंह @ सूरत.

पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों के काफिले पर आत्मघाती हमले के बाद केंद्रीय इंटेलीजेंस से गुजरात में आतंकी हमले के खतरे के इनपुट मिलने के बाद सूरत रेलवे स्टेशन पर आरपीएसएफ के आठ अतिरिक्त जवान तथा क्विक रिस्पोंस टीम तैनात कर दी गई हैं। रेलवे सुरक्षा बल और पुलिस ने सिटी पुलिस के बम निरोधक दस्ते के साथ सोमवार को स्टेशन पर जांच अभियान चलाया।

पश्चिम रेलवे में कोई स्पेसिफिक अलर्ट जारी नहीं किया है, लेकिन पुलवामा के हमले के बाद स्टेशनों पर तैनात सुरक्षा जवानों को अलर्ट पर रखा गया है। सूत्रों ने बताया कि सोमवार सुबह ग्यारह से दोपहर एक बजे तक पुलिस के जवानों ने स्टेशन पर कॉम्बिंग की। इनमें रेलवे सुरक्षा बल निरीक्षक ईश्वर सिंह यादव, उनके दस जवान, रेलवे पुलिस निरीक्षक एम. के. चौधरी, उनके १५ जवान, सिटी पुलिस का बम निरोधक दस्ता, डॉग स्क्वॉयड शामिल था।
टीम ने संयुक्त रूप से स्टेशन के सर्कुलेटिंग एरिया, बुकिंग ऑफिस, प्रतीक्षालय, प्लेटफॉर्म संख्या एक से दो-तीन की ओर जाने वाले सब-वे, फुटओवर ब्रिज और सभी प्लेटफॉर्म पर जांच की। इस जांच अभियान में कोई संदिग्ध वस्तु या व्यक्ति जांच दल को नहीं मिला। रेलवे सुरक्षा बल ने स्टेशन की सुरक्षा के लिए आरपीएसएफ के चार तथा स्थानीय थाने के चार अतिरिक्त जवानों को तैनात किया है। रूटीन में सात-आठ जवान अलग से तैनात रहते हैं। क्विक रिस्पोंस टीम के चार जवानों को भी हथियार के साथ स्टेशन परिसर में तैनात किया गया है।
डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर नहीं

रेलवे सुरक्षा बल के अधिकारी सुरक्षा इंतजामों को लेकर हथियार और साधनों के बारे में जानकारी देने से बचते दिखाई दिए। उन्होंने बताया कि रेलवे सुरक्षा बल के जवानों के पास उचित आधुनिक हथियार तथा बुलेट प्रूफ जैकेट आदि पर्याप्त संख्या में है। दूसरी तरफ स्टेशन परिसर में यात्रियों तथा उनके सामान को जांचने के लिए एकमात्र बैग स्कैनर है। स्टेशन में प्रवेश करने वाले रास्तों पर कहीं भी डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर नहीं है। सूत्रों ने बताया कि जवानों के पास हैंड मेटल डिटेक्टर है, जिससे वह कभी-कभार यात्रियों के सामान की जांच करते हैं।

दीवार बनाने का कार्य धीमा

सूरत रेलवे स्टेशन पर पिछले साल रणकपुर एक्सप्रेस के एक यात्री पर हुई फायरिंग के बाद यात्रियों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हुए थे। इस वारदात के बाद रेल प्रशासन ने स्टेशन के प्लेटफॉर्म के पास खुले रास्तों को दीवार से घेरने का कार्य शुरू किया था, लेकिन दीवार बनाने का काम बहुत धीमी गति से चल रहा है। अब तक सिर्फ पांच-छह सौ मीटर दीवार का निर्माण हुआ है। प्लेटफॉर्म संख्या चार के वडोदरा तथा उधना छोर पर गेट नहीं होने के बावजूद यात्रियों का प्रवेश पहले की तरह जारी है। प्लेटफॉर्म संख्या एक पर वडोदरा छोर की ओर मंदिर के कारण दीवार को अंतिम रूप देने का काम अटका हुआ है। उधना छोर पर दीवार का काम अब तक शुरू ही नहीं हुआ है।
सीसीटीवी प्रोजेक्ट छह महीने से लंबित

सूत्रों ने बताया कि स्टेशन पर लगाए गए सीसीटीवी कैमरों की मियाद डेढ़-दो महीने में पूरी होने वाली है। सुरक्षा कारणों को ध्यान में रखते हुए सीसीटीवी कैमरों का लोकेशन बढ़ाते हुए 86 कैमरे लगाने की मांग छह महीने पहले की गई है। अब तक मंडल या जोन कार्यालय द्वारा कैमरे लगाने की दिशा में कोई कार्य नहीं किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि विश्व स्तरीय स्टेशन बनाने के प्रस्ताव के कारण कुछ प्रोजेक्ट रुके हुए हैं।

ब्रूनो करता है प्रमुख गाडिय़ों की जांच

सूरत रेलवे सुरक्षा बल के पास ब्रूनो नाम का एक स्निफर डॉग है। उसके लिए रेलवे कॉलोनी में रहने की अलग से व्यवस्था है। दो जवान उसे समय-समय पर स्टेशन पर प्रमुख ट्रेनों की जांच के लिए लाते हैं। वह यात्रियों के सामान की भी जांच करता है।
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