काई-पो छे के शोरगुल में पतंगबाज तेजी से मांझा खींचते हैं। हवा के संपर्क में पतंग आने से मांझा कस जाता है। यह कसा हुआ मांझा तलवार और छुरी जैसा तीखा बन जाता है। इससे पतंग उड़ाने वालों की अंगुली भी कट जाती है। यह मांझा आसानी से इंसान और पशु-पक्षी का गला तक काट देता है। पतंगोत्सव के दौरान पतंग उड़ाते वक्त कई लोग दूसरों की जान की परवाह तक नहीं करते।
ऐसा बनता है सूरती मांझा
सूरती पतंग की तरह सूरत का मांझा भी देशभर में प्रख्यात है। इस मांझे की हाथ और डब्बा दो तरह से घिसाई होती है। फेविकोल, लुगदी, अंडा और कई तरह के रंगों का उपयोग कर मांझा घिसा जाता है। शहर के डबगरवाड़, राजमार्ग और मोती टॉकिज विस्तार में मांझा घिसवाने के लिए भीड़ उमड़ पड़ी है। इन दिनों मांझा घिसने वाले देर रात तक इसकी घिसाई करते हैं। मांझे को तेज बनाने के लिए इसमें कांच भी डाला जाता है। कांच को बारीक पीस लिया जाता है। फिर पानी का घोल तैयार कर इसमें सभी पदार्थों के साथ फेविकोल और कांच डाला जाता है। फेविकोल के कारण कांच मांझे पर आसानी से चिपक जाता है। मांझा घिसने वालों के हाथ भी कट जाते हैं। कांच पर प्रतिबंध होने के बावजूद इसका उपयोग हो रहा है। अक्सर मांझा घिसने वालों को ग्राहक ही अधिक कांच डालकर इसे तेज करने को प्रेरित करते हैं। कार्रवाई के भय से मांझा घिसने वाले कांच को छुपाकर रखते हैं। मांझा घिसने समय घोल में कांच डाला जाता है। जब मांझे को सुखाया जाता है, तब सूरज की तेज रोशनी में कांच चमकने लगता है।
सूरती पतंग की तरह सूरत का मांझा भी देशभर में प्रख्यात है। इस मांझे की हाथ और डब्बा दो तरह से घिसाई होती है। फेविकोल, लुगदी, अंडा और कई तरह के रंगों का उपयोग कर मांझा घिसा जाता है। शहर के डबगरवाड़, राजमार्ग और मोती टॉकिज विस्तार में मांझा घिसवाने के लिए भीड़ उमड़ पड़ी है। इन दिनों मांझा घिसने वाले देर रात तक इसकी घिसाई करते हैं। मांझे को तेज बनाने के लिए इसमें कांच भी डाला जाता है। कांच को बारीक पीस लिया जाता है। फिर पानी का घोल तैयार कर इसमें सभी पदार्थों के साथ फेविकोल और कांच डाला जाता है। फेविकोल के कारण कांच मांझे पर आसानी से चिपक जाता है। मांझा घिसने वालों के हाथ भी कट जाते हैं। कांच पर प्रतिबंध होने के बावजूद इसका उपयोग हो रहा है। अक्सर मांझा घिसने वालों को ग्राहक ही अधिक कांच डालकर इसे तेज करने को प्रेरित करते हैं। कार्रवाई के भय से मांझा घिसने वाले कांच को छुपाकर रखते हैं। मांझा घिसने समय घोल में कांच डाला जाता है। जब मांझे को सुखाया जाता है, तब सूरज की तेज रोशनी में कांच चमकने लगता है।
कार्रवाई के भय से सब चुप
हाल ही में पुलिस ने प्रशासन के आदेश पर शहर में 61 जगहों पर छापा मारा। इस छापे में चाइनीज तुक्कल और चाइनीज मांझे को पकडऩे की कार्रवाई की गई। इसके साथ कांच का उपयोग कर मांझा घिसने वालो के खिलाफ भी कार्रवाई हुई। 16 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। इसलिए मांझा घिसने वाले पुलिस कार्रवाई के भय से चुपचाप छुपाकर कांच का उपयोग कर रहे हैं।
हाल ही में पुलिस ने प्रशासन के आदेश पर शहर में 61 जगहों पर छापा मारा। इस छापे में चाइनीज तुक्कल और चाइनीज मांझे को पकडऩे की कार्रवाई की गई। इसके साथ कांच का उपयोग कर मांझा घिसने वालो के खिलाफ भी कार्रवाई हुई। 16 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। इसलिए मांझा घिसने वाले पुलिस कार्रवाई के भय से चुपचाप छुपाकर कांच का उपयोग कर रहे हैं।