नशे की लत से बचाने के लिए मां ने पुत्र को जंजीरों से बांधा
श्रमिक चाल में रहने वाली एक महिला ने पत्रिका को बताया कि उसका 13 वर्ष का पुत्र है। दोस्ती के संगत में उसे भी एक दिन किसी ने नशा सुंघाया है। जब अपने पुत्र का अलग प्रकार का बर्ताव देखा तो उसको संदेह हुआ। पूछताछ करने पर उसको भी नशे की लत की सच्चाई मालूम हुई। बच्चे का भविष्य नहीं बिगड़े इसलिए बच्चे पर नियंत्रण रखने लगी। बच्चे के बाहर जाते समय उसकी मां और पिता साथ जाते हैं। जब माता पिता घर से बाहर जाते हैं तो उसे घर में जंजीर से बांधकर रखते हंै, ताकि वह दोस्तों के साथ मिलकर नशा नहीं करे। वह पढऩा चाहता है, लेकिन आवश्यक दस्तावेज नहीं होने के कारण उसे स्कूल में प्रवेश नहीं मिल रहा है। बच्चे को स्कूल में प्रवेश मिल जाए तो इसका भविष्य सुधर सकता है।
दमण के कई इलाकों जहां श्रमिक परिवार रहते हैं, वहां इस तरह का नशा करने की ज्यादा शिकायतें मिली हैं। हरे रंग के सॉल्यूशन की डिब्बी 50 रुपए में और 20 रुपए में ट्यूब मिलती है। बच्चे इस सॉल्यूशन को रूमाल में रखकर सूंघते हैं। जोर-जोर से श्वास अंदर बाहर लेने से नशा चढ़ जाता है। इस नशे के बाद दिमाग पर असर करता है और कुछ अन्य कृत्य करने का मन करता है। इसका 20 मिनट से आधा घंटे तक नशा रहता है। यह सॉल्यूशन चप्पल चिपकाने, फार्म चिपकाने एवं पाइपलाइन में भी उपयोग होता है।
एक व्यक्ति ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि नानी दमण बस स्टैन्ड के पीछे के भाग में दो बच्चे आपस में झगड़ रहे थे। उनको छुड़ाकर पूछा तो पता चला चला कि दस रुपए के लिए वह मारपीट कर रहा है। उसे सॉल्यूशन के लिए दस रुपए कम पड़ रहे हैं।
पुलिस अधीक्षक विक्रमजीत सिंह ने बताया कि दुष्कर्म आरोपी 15 वर्षीय है और पीडि़त बालक भी कम उम्र का है। पॉस्को एक्ट में इसको देखा जा रहा है। आरोपी तरुण को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड में पेश किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि नशे के रूप में प्रयोग हो रहे हरे सॉल्यूशन के बारे में जागरुकता कार्यक्रम चलाकर बच्चों को इससे दूर रखने का प्रयत्न करेगे। जांच की जाएगी कि इस तरह की गतिविधियों में कोई मास्टर माइंड व्यक्ति तो लिप्त नहीं है।