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Textile Market : टैक्सटाइल का ग्लोबल ब्रांड बनना है तो प्रोफेशनलिज्म जरूरी

Textile Market : Surat Textile Industry टैक्सटाइल इंडस्ट्री में SURAT की देशभर में खास पहचान सही, लेकिन कारोबारियों में प्रोफेशनलिज्म की कमी लगातार महसूस की जा रही है। जानकार मानते हैं कि Surat Textile Market सूरत को टैक्सटाइल का ग्लोबल ब्रांड बनना है तो अपने कारोबारी रवैये में प्रोफेशनलिज्म लाना होगा। वैश्विक पहचान के लिए कारोबार के तौर-तरीकों को बदलना होगा। साथ ही जानकार यह भी मानते हैं कि नई पीढ़ी इनीशिएटिव ले रही है और बदलाव धीरे-धीरे दिखेगा।

सूरतMay 19, 2022 / 06:18 pm

विनीत शर्मा

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विनीत शर्मा

Textile Market सूरत भले बीते कई दशकों से भारत का मैनचेस्टर manchester of india सही, लेकिन ग्लोबल मार्केट Globall Market में एक ब्रांड के रूप में सूरत की कोई खास पहचान नहीं है। बीते तीन दशकों में दुनियाभर के टैक्सटाइल कारोबारी गारमेंट इंडस्ट्री में नए प्रयोग कर अपना सिक्का जमा चुके हैं, लेकिन सूरती अब तक कपड़ा बनाने भर में उलझ कर रह गए हैं। कपड़ा बनाने और उसे साडिय़ों में बदलने के साथ ही गारमेंट के दूसरे क्षेत्रों में झांकने की ना फुरसत रही और ना ही उन्होंने जरूरी समझा। इस कारण सूरत के कपड़ा कारोबार को एक ब्रांड के रूप में ग्लोबल मार्केट में पहचान के संकट से जूझना पड़ रहा है।
जानकारों का मानना है कि जब तक कारोबार में प्रोफेशनलिज्म नहीं आएगा, सूरत टैक्सटाइल और गारमेंट का ब्रांड नहीं बन सकता। सीएमएआई के ज्वाइंट जनरल सेक्रेटरी नवीन सैनानी भी मानते हैं कि अगर ग्लोबल ब्रांड बनना है तो सूरतीयों को कारोबार के तौर तरीके बदलने होंगे। सूरत में नेशनल और इंटरनेशल ब्रांड पैदा करने की क्षमता है, लेकिन इस पर अब तक ध्यान नहीं दिया गया है। इसके लिए इनीशिएटिव लेना होगा। नई पीढ़ी इस दिशा में सोच रही है और इनीशिएटिव भी ले रही है। बदलाव धीरे-धीरे दिखेगा।
लगेंगे तीन से पांच साल
जानकार मानते हैं कि सूरत फास्ट लर्नर है, लेकिन बदलाव में तीन से पांच साल का वक्त लगेगा। पहले कारोबारी अपनी जरूरत के हिसाब से अनट्रेंड लोगों को ट्रेंड कर लेते थे। अब कारीगर की प्रोडक्टिविटी के हिसाब से गारमेंट की सीएमटी तय होती है। समय के साथ बदलाव जरूरी है। इसकी पहली सीढ़ी एंटरप्रिन्योर ट्रेनिंग है। Textile Market सूरत के कारोबारी जब अंतरराष्ट्रीय ब्रांड से डील करने लगेंगे उन्हें ब्रांड वैल्यू समझ में आने लगेगी।
सीएमएआइ देगा ट्रेनिंग
सूरत में आने वाले तीन सालों में गारमेंट इंडस्ट्री में बूम आना तय है। सूरत के कपड़ा कारोबारियों को फेसिलिटेट करने के लिए सीएमएआइ तैयार है।
डॉ. अजय भट्टाचार्य, चेयरमैन, साउथ गुजरात रीजन सीएमएआइ
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