textile news- सूरत के व्यापारियों को नही मिल रहा पेमेन्ट, पलायन का भय!!!!
सूरत एक ओर सूरत के
कपड़ा व्यापारी दिवाली की खरीद की खरीद अच्छी हो इस उम्मीद में आंखे बिछाए बैठे हैं, लेकिन दूसरी ओर आर्थिक संकट के नागफांस ने पूरे बाजार को बुरी तरह से जकड़ रखा है।अन्य राज्यों के व्यापारी माल तो मंगा रहे हैं, लेकिन दूसरी ओर पुराने पेमेन्ट देने के नाम पर चुप्पी साधे बैठे हैं। सूरत के व्यापारियों की लाचारी है कि दिवाली पर इन्कार भी नहीं कर सकते और पेमेन्ट मांगने के नाम पर सिर्फ जल्दी चुका दो बोलकर मन मना लेते हैं। परिस्थिति नहीं सुधरी तो कुछ पार्टियां व्यापार से निकल जाने का संकट छा गया है।
सूरत के कपड़ा व्यापार में पिछले दो-तीन साल से पेमेन्ट की सिस्टम बुरी तरह से गड़बड़ा गई है। अन्य राज्यों के व्यापारी माल खरीद कर जाते हैं, लेकिन पेमेन्ट के नाम पर कोई व्यवस्था ही नहीं बन पाई है। कुछ बड़े व्यापारियों को छोड़ दें तो 90 प्रतिशत से अधिक व्यापारियों को पेमेन्ट के नाम पर परेशानी और रिटर्न गुड्स का सामना करना पड़ता है। व्यापारियों का कहना है कि ऐसे तो हर व्यापारी अपने सिस्टम के हिसाब से उधार देता है लेकिन सामान्य नियम 30 दिन का है, लेकिन इसका पालन शायद ही कोई करता है। चार से छह महीने के बाज भी कई पार्टिया पेमेन्ट नहीं करती है। इन दिनों बाजार में दिवाली को लेकर चहलपहल है। व्यापारियों को दिवाली पर अच्छा व्यापार की उम्मीद है, लेकिन धीरे-धीरे समय बीत रहा है पर व्यापार नही जम रहा है। इस बार रमजान, रक्षाबंधन, तीज आदि त्यौहारों पर 60 से 75 प्रतिशत व्यापार ही हो पाया है। यूपी, बिहार, असम, महाराष्ट्र, केरल, कर्नाटक सहित कई राज्यों में बाढ़ की परिस्थिति के कारण व्यापार बुरी तरह से प्रभावित हो गया है। रिटेल में व्यापार कमजोर होने के कारण अन्य राज्यों से पेमेन्ट आने शुरू नहीं हुए हैं। एक ओर सूरत के व्यापारियों को दिवाली पर वीवर, प्रोसेसस, एम्ब्रॉयडरी यू्िनट संचालकों और स्टाफ को बोनस आदि चुकाना होता है, लेकिन दूसरी मंडी के व्यापारियों ने अभी तक पेमेन्ट देना शुरू नहीं किया है।