सूरत के औद्योगिक विकास के साथ कई तरह की समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। डाइंग और प्रोसेसिंग यूनिट्स से फैलने वाले प्रदूषण से शहर की हवा जहरीली हो रही है। बीतें दिनों प्रदूषण के कारण पांडेसरा क्षेत्र के कुछ लोग बीमार हो गए थे।
राजस्थान पत्रिका ने इस मुद्दे को उठाते हुए खबरों के जरिए प्रशासन को जगाने का प्रयास किया। जनप्रतिनिधियों ने भी पत्रिका की मुहिम की सराहना करते हुए मनपा आयुक्त के समक्ष पर्यावरण पॉलिसी बनाने की मांग उठाई और मनपा प्रशासन इस पर सहमत हो गया। राज्य सरकार की ओर से उद्यमियों से अपील की गई कि वह अपनी यूनिट शहर से बाहर ले जाए। शहर के उद्यमी इसे स्वीकार करते हुए 50 से अधिक प्रोसेसिंग इकाइयां शहर से बाहर ले जाने के लिए तैयार हुए हैं। उन्होंने प्रशासन के समक्ष इसके लिए सहमति पेश कर दी है।
जीपीसीबी अफसर को घूस देने का मामला
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा दो महीने पहले वडोदरा में डेढ़ लाख रुपए के साथ पकड़े गए जीपीसीबी की सूरत क्षेत्रीय इकाई के अधिकारी से पूछताछ के आधार पर मांगरोल की एक केमिकल फैक्ट्री के संचालक के खिलाफ मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया है।
ब्यूरो सूत्रों के मुताबिक गुजरात प्रदूषण नियंत्रक बोर्ड की सूरत इकाई के अधिकारी आर.वी.पटेल को मांगरोल तहसील के नाना बोरसरा की मंगलमूर्ति बायो कैम प्राइवेट लिमिटेड के संचालक भरत टांक ने रिश्वत दी थी। भरत कंपनी में पेस्टीसाइड््स इंटरमीडिएट एण्ड स्पेशल्टी केमिकल यूनिट का विस्तार करना चाहता था। स्थानीय लोग इसका विरोध कर रहे थे। आर.वी.पटेल कंपनी के पक्ष में निर्णय करें, इसके लिए भरत ने उन्हें घूस दी थी। भरत ने उन्हें बोरसरा लाने के लिए सूरत से अपनी कार भेजी थी।
बोरसरा पहुंचने पर उन्हें एक लाख रुपए दिए गए। पटेल को वहां से अहमदाबाद के मूल निवास जाने के लिए भी कार मुहैया करवाई गई थी। उल्लेखनीय है कि २ नवम्बर को वडोदरा ग्रामीण भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने गुप्त सूचना के आधार पर पटेल की कार जंबुआ गांव के निकट रोकी थी। कार से ब्यूरोकर्मियों को दो लिफाफे बरामद हुए थे। मंगलमूर्ति बॉयोकैम के एक प्रिंटेड लिफाफे में एक लाख रुपए थे। उस पर पटेल का नाम लिखा था। दूसरे लिफाफे में ५० हजार रुपए थे। कार में अन्य गिफ्ट भी मिली थीं।