वन स्टॉप सखी महिला मंडल की दक्षा चिखलिया ने बताया कि 15 मई को एक महिला को अमरोली महिला सुरक्षा समिति की धर्मिष्ठा पटेल उनके पास लेकर आई थी। धर्मिष्ठा अमरोली पुलिस में कार्यरत है। वह महिलाओं को अपराध के चंगुल से बचाने के लिए महिला सुरक्षा समिति चलाती है। उसके पास महिला को उसके माता-पिता लेकर आए थे। माता-पिता ने धर्मिष्ठा को बताया कि महिला की पहली शादी टूटने के बाद दूसरी शादी महाराष्ट्र के नासिक में करवाई गई थी। उसकी छह साल की बेटी है। पिछले तीन-चार महीने से वह मूल बिहार निवासी 21 वर्षीय युवक के सम्पर्क में थी। दोनों रात-रात भर चेटिंग करते थे। इसकी भनक ससुराल वालों को लगी तो पति ने उसे तलाक देने के लिए सूरत अमरोली निवासी माता-पिता के घर भेज दिया था। उसकी बेटी को ससुराल वालों ने अपने पास रख लिया था।
धर्मिष्ठा ने वन स्टॉप सखी महिला मंडल की दक्षा से सम्पर्क कर कुछ दिन उसकी काउंसलिंग करने का आग्रह किया। दक्षा, नयना पटेल, निराली संगनी ने पांच दिन तक लगातार महिला से बातचीत की। उसे बताया गया कि युवक उससे शादी नहीं करेगा। धर्मिष्ठा ने उस युवक को भी सूरत बुलाया और उससे पूरे मामले की जानकारी ली। युवक ने सिर्फ इंस्टाग्राम पर बातचीत करने के लिए उसे दोस्त बनाने की बात कही। इसके बाद महिला को विश्वास हो गया कि युवक उसके लिए ठीक नहीं है।
रविवार को सखी मंडल ने महिला को माता-पिता के पास भेज दिया। उन्होंने बताया कि वह अपनी बेटी की हरकतों से काफी परेशान हो गए थे, लेकिन सखी मंडल ने उनकी बेटी का घर टूटने से बचा लिया है। अब ससुराल वालों से बातचीत कर वह बेटी को पति के घर भेजने के लिए राजी करेंगे।