शादी की तैयारियों के मद्देनजर परिजनों ने डेकोरशन, हलवाई, मंडप आदि के ऑर्डर बुक कर दिए। बाजार से विवाह के सामान की खरीद चल रही थी, इसी बीच 26 नवम्बर को मनीषा (22) एवं उससे छोटी बेटी ममता (17) को अचानक तेज बुखार ने जकड़ लिया। बुखार के साथ सिरदर्द व चक्कर आने से दोनों बहनों को खानवेल उपजिला अस्पताल में भर्ती करया। अस्पताल में डॉक्टरों ने रक्त परीक्षण किया तो खून में प्लेटलेट्स कम मिले। बाद में डेंगू की आशंका को देखते हुए अलग जांच की, जिसमें डॉक्टरों के अनुसार रिपोर्ट निगेटिव मिली। खून में प्लेटलेट्स लगातार घटने से दोनों बहनों की हालत गंभीर होती जा रही थी। मामला बढऩे पर डॉक्टरों ने दोनों बहनों को सिलवासा स्थित श्री विनोबाभावे सिविल अस्पताल रैफर किया। इस दौरान बड़ी बेटी ने खानवेल से सिलवासा जाते समय रास्ते में ही दम तोड़ दिया तथा छोटी बेटी भी वीबीसीएच के आइसीयू में एक दिन भर्ती रहने के बाद जिंदगी से हार गई। ग्रामीणों की उपस्थिति में दोनों बहनों का एक साथ अंतिम संस्कार हुआ। इस घटना से गांव के लोग स्तब्ध हैं। ग्रामवासियों का आरोप है कि डॉक्टरों की अज्ञानता और अनुभव की कमी से दोनों की मृत्यु हई है। गंभीर अवस्था में मरीज को प्लेटलेट्स चढ़ाए जा सकते थे। भाजपा नेता रमेशभाई कड़़ू ने बताया कि गुलाब मजदूरी करके अपने घर का जीवनयापन करता है। दोनों बेटियों की मौत से उसे गहरा सदमा लगा है।