scriptअमरनाथ जाने वालों को लेना होगा स्वास्थ्य प्रमाण पत्र | Those who go to Amarnath must take health certificate | Patrika News
सूरत

अमरनाथ जाने वालों को लेना होगा स्वास्थ्य प्रमाण पत्र

न्यू सिविल अस्पताल के हिमोफिलिया डे केयर सेंटर में प्रशासन ने की व्यवस्था

सूरतMar 18, 2019 / 09:54 pm

Sanjeev Kumar Singh

surat photo

अमरनाथ जाने वालों को लेना होगा स्वास्थ्य प्रमाण पत्र

सूरत.

जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ धाम की यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए न्यू सिविल अस्पताल के हिमोफिलिया डे केयर सेंटर में फिटनेस सर्टिफिकेट देने की व्यवस्था की गई है। सोमवार से शुक्रवार तक सुबह नौ से बारह बजे तक सर्टिफिकेट दिया जाएगा। 13 साल से कम तथा 75 साल से अधिक उम्र के लोगों को सर्टिफिकेट नहीं दिया जाएगा।

राज्य परिवार एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से अमरनाथ धाम के दर्शन करने जाने वाले श्रद्धालुओं को आसानी से स्वास्थ्य प्रमाण पत्र मिल सके, राज्य परिवार एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से इसकी व्यवस्था की गई है। न्यू सिविल अस्पताल में शुक्रवार से श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य प्रमाण पत्र देने का कार्य शुरू कर दिया गया है। पहले दिन करीब पचास श्रद्धालुओं ने सर्टिफिकेट लिए।
आरएमओ डॉ. केतन नायक ने बताया कि जिला पंचायत के दो मेडिकल ऑफिसर की सर्टिफिकेट देने के लिए स्पेशल ड्यूटी लगाई गई है। हिमोफिलिया डे केयर सेंटर में मेडिकल ऑफिसर सुबह दस से दोपहर एक बजे तक श्रद्धालुओं को सर्टिफिकेट देने के लिए जरूरी जांच करेंगे। डॉ. नायक ने बताया कि श्रद्धालुओं की प्राथमिक जांच स्थल पर ही हो जाती है। सेंटर में इसीजी मशीन उपलब्ध करवा दी गई है। 45 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए जरूरी लगा तो मेडिसिन विभाग में आगे की जांच के लिए भेजा जाएगा।
चिकित्सकों द्वारा फिट घोषित किए जाने के बाद श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य प्रमाण पत्र दे दिया जाता है। चिकित्सकों ने बताया कि पिछले साल स्वास्थ्य प्रमाण पत्र लेने वाले लोगों की संख्या चार हजार तथा 2017 में पांच हजार से ज्यादा थी। उल्लेखनीय है कि अमरनाथ धाम के दर्शन के लिए हर साल देश से करीब दस लाख श्रद्धालु जाते है। इनमें गुजरात के साढ़े चार से पांच लाख श्रद्धालु शामिल होते हैं।

इन्हें नहीं मिलेगा सर्टिफिकेट

सरकार द्वारा जारी नए निर्देश के मुताबिक तेरह साल से कम तथा 75 साल से अधिक उम्र के श्रद्धालुओं को सर्टिफिकेट जारी नहीं किया जाएगा। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं, बायपास सर्जरी करवाने वालों, हृदय में स्टैंड डलवाने वालों समेत कुछ खास बीमारी के मरीजों को सर्टिफिकेट नहीं देने के निर्देश दिए गए हैं। सर्टिफिकेट लेने आने वाले प्रत्येक श्रद्धालु की यूरीन जांच अनिवार्य की गई है। 45 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए इसीजी रिपोर्ट तथा जरूरत के मुताबिक दूसरी जांच कराना जरुरी है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो