शहर का विस्तर बढऩे के साथ ही कामकाज बढ़ा तो मुगलीसरा मनपा मुख्यालय छोटा पडऩे लगा। कई विभागों के दफ्तर अन्यत्र से संचालित होने के कारण समन्वय में परेशानी महसूस की जा रही थी। सबजेल के रिंगरोड से लाजपोर स्थानांतरित होने के बाद मनपा प्रशासन ने राज्य सरकार से यह जमीन अपने लिए मांगी थी। तत्कालीन मुख्यमंत्री आनंदी पटेल के कार्यकाल में जगह मिलने के बाद से ही मुख्यालय भवन को लेकर कवायद शुरू हो गई थी। वर्ष 2018 में मनपा प्रशासन ने इसकी कंसलटेंसी के लिए टेंडर प्रस्ताव मंगाए थे। अंतिम दौर में तीन एजेंसियों को चिन्हित कर महापौर व मनपा आयुक्त समेत अधिकारियों-पदाधिकारियों की विशेष कमेटी को इनमें से एक को तय करने का अधिकार दिया गया था।
उच्च अधिकार प्राप्त कमेटी ने अहमदाबाद की आइएनआइ डिजाइन को अंतिम रूप से इस प्रोजेक्ट के लिए चुना। यह फर्म मनपा मुख्यालय की डिजाइन और कंसलटेंसी का काम करेगी। 475 करोड़ रुपए के मनपा के प्रशासनिक भवन के प्रोजेक्ट की डिजाइन और कंसलटेंसी पर 8.70 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इनमें डिटेल्ड एस्टीमेट पर 3.69 करोड़ रुपए, इंटीरियर डिजाइन के लिए 2.46 करोड़ रुपए, डिटेल्ड इंजीनियरिंग के लिए 1.25 करोड़ रुपए, ग्रीन बिल्डिंग सर्टिफिकेट के लिए 24 लाख रुपए, प्रशासनिक भवन के लिए टैंडर प्रिपरेशन के लिए 82.20 लाख रुपए और लैंड स्केपिंग व एरिया डवलपमेंट के मद में 24 लाख रुपए खर्च होंगे। इस प्रस्ताव पर टेंडर स्क्रूटनी कमेटी की बुधवार को होने वाली बैठक में निर्णय किया जाएगा।
तीन वर्ष में निर्माण कार्य पूरा करना है 22100 वर्गमीटर क्षेत्र में बनने वाला मुख्यालय तीन टावर का होगा। इनमें पहला टावर ग्राउंड प्लस 16, दूसरा टावर ग्राउंड प्लस 23 और तीसरा टावर ग्राउंड प्लस 30 मंजिल का होगा। तीनों टावर का निर्माण 155677 वर्गमीटर क्षेत्र में किया जाएगा और बाकी जगह लैंड स्केपिंग व एरिया डवलपमेंट के लिए होगी। प्रशासनिक भवन का निर्माण कार्य तीन वर्ष में पूरा करना है।