बुधवार को पहले दिन सतमािलया, नक्षत्र गार्डन, लॉयन सफारी, खानवेल बटरफ्लाई में वन्यजीव सप्ताह पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित हुए। सतमालिया में स्कूली बच्चों ने भ्रमण करते प्रकृति का लुत्फ उठाया। नक्षत्र उद्यान व लॉयन सफारी पर बच्चों को पर्यावरण के विवधि पहलुओं से अवगत कराया गया। 8 अक्टूबर तक चलने वाले सप्ताह में वन्यजीवों पर निबंध, चित्रकला, वक्रत्व, प्रश्नोतरी जैसी प्रतियोगिताएं रखी हैं। पहले दिन सतमालियां में आयोजित उद्घाटन कार्यक्रम में वन अधिकारियोंं ने वन्यजीवों के प्रति लगाव, ट्रेकिंग, भ्रमण और जीव-जंतुओं की महत्ता पर प्रकाश डाला। विजय पटेल ने कहा कि वनों की सुरक्षा हमारा कत्र्तव्य है। वन सुरक्षित रहने से ही उसमें विचरण करने वाले जीव-जंतु जीवित रह सकते हैं। सतमालिया और लॉयन सफारी दादरा नगर हवेली के प्रसिद्ध जीव संरक्षित स्थल हैं। वन विभाग प्रतिवर्ष लाखों पौधों का रोपण करता है, जिससे प्रदेश के 40 प्रतिशत जंगल सुरक्षित हंै। सतमालिया में हरियाली से वन्यजीवों की संख्या बढ़ी है। यहां चीतल, हिरण की एक दर्जन से अधिक प्रजातियां विचरण करती हैं। अभयारण्य में शाक पक्षी व सरीसृप फैमिली के जानवर बढ़े हैं। करीब 300 हेक्टेयर जमीन पर बने सतमालिया में हरे भरे घने वृक्षों के बीच शाक पक्षियों के कलरव, दौड़ते हिरण, चहकती डालियां, बहते नदी नाले अत्यंत शोभायमान हैं। वन पालक बी के रोहित ने कहा कि मानसून में वन विभाग ने विचरण के रास्ते एवं वाहनों का मेंटेनेंस पूरा कर लिया है। प्रतिवर्ष सतमालिया में पर्यटकों की संख्या प्रतिवर्ष बढ़ रही है। यहां सांभर, चीतल, नील गाय मिलाकर 371 हो गए हैं। उन्होंने बच्चों को बताया कि जब तक धरती पर तितलियां हैं, मनुष्य की जिन्दगी बनी रहेगी। पर्यावरण एवं प्रदूषण के बढऩे सृष्टि से तितलियां लुप्त हो रही हैं। पूरे विश्व में भारत सिर्फ 2.5 प्रतिशत भूभाग पर बसा हुआ है तथा यहां विश्व की18 प्रतिशत आबादी निवास करती हैं। इससे पर्यावरण को संभलकर रखना हम सबका कत्र्तव्य है। प्रकृति से अधिक छेड़छाड़ जीवन के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है। समारोह में वन एवं वन्यजीव रक्षा पर शपथ ली।