जानकारी के अनुसार करीब 12 बजे वापी और उदवाड़ा स्टेशन के बीच मोराइ के पास मालगाड़ी की ट्रक से टक्कर की खबर फैल गई। हादसे में जानहानि की आशंका के चलते मौके पर रेल अधिकारी तुरंत पहुंच गए। वहां पता चला कि रेलवे द्वारा यह गुप्त रुप से की गई मोकड्रिल थी। इससे दुर्घटना के समय रेलवे अधिकारियों की सजगता और चिकित्सा मदद पहुंचाने की तैयारियों का पता चल सके।
सीनियर सेफ्टी डिविजनल आफिसर के मार्गदर्शन में यह यह सारी कवायद की गई। इस बारे में वेस्टर्न डिविजन के पीआरओ रविन्द्र भाकर ने टेलीफोनिक संपर्क करने पर बताया कि यह पूरी तरह गुप्त रुप से की गई मोकड्रिल थी। सेना में जैसे किसी ऑपरेशन की जानकारी किसी को नहीं होती है, उसी तरह रेलवे मोकड्रिल करती है। इसे प्रचारित नहीं किया जाता और रेल अधिकारियों की सजगता का इससे पता चलता है। उन्होंने कहा कि दुर्घटना के समय घटना स्थल पर कितनी देर में मदद पहुंच सकती है इसका पता चलता है।
स्थानीय रेल अधिकारियों को भी इस बार में कोई जानकारी नही थी। घटना के बारे में 108 को भी सूचना मिलने पर वह भी पहुंच गई थी। मोकड्रिल के बारे में उदवाड़ा स्टेशन मास्टर ने बताया कि दुर्घटना की सूचना मिलने पर जरुरी मदद और तैयारी के साथ घटना स्थल पर पहुंच गए। वहां पता चला कि मोकड्रिल है। इसमें सिनियर सेफ्टी डिविजनल आफिसर की पूरी टीम शामिल थी। इस मोकड्रिल के कारण नेशनल हाइवे पर ट्रैफिक जाम की भी समस्या उत्पन्न हो गई थी। ट्रेन और ट्रक के बीच दुर्घटना को देखने के लिए लोग बड़ी संख्या में मौके पर पहुंच गए थे।