नोएडा पुलिस को पिछले दो वर्ष से इनकी तलाश थी। नोएडा पुलिस ने सूरत से इन दोनों को कब्जे में लेने की कवायद शुरू कर दी है। इस बीच क्राइम ब्रांच ने फिलहाल सभी दस अभियुक्तों को जहंगीरपुरा पुलिस के हवाले कर दिया है।
क्राइम ब्रांच के मुताबिक गत 3 मई को पुलिस ने अमरोली ब्रिज के नीचे से कुख्यात पारघी गिरोह के दस जनों को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में पिछले करीब चार महीनों के दौरान शहर के अलग-अलग थानाक्षेत्रों में हुई चोरी व डकैती की 14 घटनाओं का भेद उजागर हुआ था।
पारघी गिरहो के लोग सिर्फ सूरत तक ही समिति नहीं थे। उन्होंने इससे पूर्व अलग-अलग टुकडिय़ों में अहमदाबाद, खेडा, डीसा, वलसाड़, बरोड़ा व नवसारी के अलावा राजस्थान, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र व बिहार में भी चोरी व डकैती की घटनाओं को अंजाम देना कबूल किया था। इनमें वे पहले पकड़े भी जा चुके थे।
गिरोह के मुख्य सूत्रधार मध्यप्रदेश के रतलाम जिले के बजरंगनगर सालाखेड़ी निवासी नंदू पारघी व उसके पुत्र सिम्बा ने 2019 में नोएड़ा के सेक्टर 49 मेंं अपने साथियों के साथ चोरी की चार घटनाओं को अंजाम देना कबूल किया है। इन घटनाओं को अंजाम देने के बाद सेक्टर 49 में ही उनके पड़ाव पर नोएडा पुलिस ने छापा मारा था।
छापे की कार्रवाई के दौरान बचने के लिए उन्होंने पुलिस टीम पर जानलेवा हमला किया था। उस दौरान पुलिस ने उनके चार साथियों को तो पकड़ लिया था, लेकिन नंदू व सिम्बा अपने छह अन्य साथियों के साथ भाग निकले थे। नोएडा पुलिस उनकी तलाश में थी। नोएडा के पुलिस आयुक्त ने नंदू व सिम्बा समेत भागे हुए सभी आरोपियों की गिरफ्तारी पर 25-25 हजार रुपए की इनाम की घोषणा भी की थी।