रेलवे सूत्रों के अनुसार उधना-जलगांव के बीच सिंगल लाइन को डबल लाइन करने की योजना यूपीए सरकार ? के समय बनाई गई थी, लेकिन फंड आवंटन नहीं होने से कार्य धीमी गति से चल रहा था। २०१४ में दोहरीकरण कार्य में तेजी आई। अधिकारियों ने लगातार उधना-जलगांव सेक्शन का निरीक्षण किया, जिससे अब यह कार्य लगभग पूरा होने को है। रेल अधिकारियों ने बताया कि उधना-जलगांव करीब ३०६ किलोमीटर का सेक्शन है। इसमें लगभग 266 किमी का कार्य पूरा हो गया है। इसे मार्च तक शुरू कर दिए जाने पर कार्य हो रहा है।
उधना से चलथान रेलवे स्टेशन की दूरी साढ़े दस किलोमीटर है। हाल ही सूरत के स्टेशन डायरेक्टर सी. आर. गरूड़ा ने इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारियों के साथ कार्य का निरीक्षण किया। डबल ट्रेक कार्य के अंतिम चरण में कमिश्नर ऑफ सेफ्टी (रेलव)े के सर्टिफिकेट का इंतजार है।
इसकी सूचना उड्डयन मंत्रालय के अधीन कमिश्नर ऑफ सेफ्टी (रेलवे) को दे दी गई है। उनके द्वारा ट्रेक का निरीक्षण करने के बाद सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा। इसके बाद नॉन इंटरलॉकिंग संबंधी कार्य बचेगा। यह कार्य रेलवे इंजीनियरिंग विभाग द्वारा करीब पांच दिन में पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद छठे दिन से डबल लाइन से ट्रेनों को चलाने की सुविधा शुरू कर दी जाएगी।
तैयार की जा रही है गाडिय़ों की सूची
रेलवे सूत्रों ने बताया कि कमिश्नर ऑफ सेफ्टी (रेलवे) के इंस्पेक्शन के बाद पांच दिन का कार्य पूरा करने के लिए ट्रेनों की सूची तैयार की जा रही है। इसमें सूरत और उधना से ताप्ती लाइन की ओर जाने वाली पैसेंजर ट्रेनों को रद्द करने तथा अहमदाबाद या नई दिल्ली से आकर इस मार्ग से जाने वाली लम्बी दूरी की ट्रेनों को वाया वसई चलाने की व्यवस्था की जाएगी। साप्ताहिक ट्रेनों को भी दूसरे मार्ग से चलाने की व्यवस्था की जाएगी।