पलसाणा तहसील के वरेली गांव में पहला लॉकडाउन शुरू होते ही प्रवासी मजदूरों को लेकर विवाद शुरू हो गया था। स्थानीय नेताओ के बीच की गहमागहमी के कारण हजारों मजदूरों की स्थिति दिन ब दिन बिगड़ती जा रही थी। लोगों का कहना है कि नेताओं ने वरेली में रह रहे मजदूरों के साथ भेदभाव किया था। उन तक सहायता नहीं पहुंचने से जीना मुश्किल हो रहा था। इस वजह से पहले से ही लोगों में व्यवस्था को लेकर खासा रोष था। इस बीच तीन दिन पूर्व सूरत जिला में प्रवासी मजदूरों को घर जाने के लिए चेकपोस्ट से मंजूरी देने का सिलसिला शुरू हुआ जो दो दिन बाद ही अचानक बंद कर दिया गया। कई मजदूर जो निजी वाहन कर जिले की सीमा से बाहर चले गए थे, उन्हें दूसरे राज्यों के बार्डर से वापस लौटा दिया गया।
आरोप है कि घर जाने के लिए परेशान मजदूरों को स्थानीय व्यक्ति ने व्यवस्था के खिलाफ भड़का दिया और लोग सड़क पर उतर आए। बेकाबू भीड़ ने पुलिस पर पथराव के साथ ही निजी और सरकारी वाहनों में तोडफ़ोड़ भी शुरू कर दी। स्थिति बिगड़ती देख पुलिस ने सूरत-कड़ोदरा रोड पर यातायात बंदकर वा दिया। मौके की नजाकत को देखते हुए सूरत जिला पुलिस का काफिला वरेली पहुंच गया। लगभग तीन घंटे तक बेकाबू भीड़ ने पुलिस पर पत्थर, कांच की बोतल और जो भी हाथ में आया उससे हमला कर दिया। रेंज आईजी और जिला पुलिस अधीक्षक भी मौके पर पहुंचे। उनके निर्देश पर पुलिस ने बेकाबू भीड़ पर टीयर गैस छोडऩा शुरू किया। पुलिस ने सौ से अधिक लोगों को हिरासत में लिया है। कड़ोदरा पुलिस के मुताबिक स्थिति नियंत्रण में है और वरेली में फुट पेट्रोलिंग व कॉम्बिंग की जा रही है।