ज्ञापन में बताया गया कि बारडोली तहसील के सरभोण गांव में पिछले लंबे अरसे से शराब के अड्डे चल रहे हैं। पहले भी ग्रामीणों ने दबाव बनाकर उन्हें बंद कराया था, लेकिन आरोप है कि पुलिस ने सिर्फ दिखावे की कार्रवाई की। बाद में पुलिस की शहर पर यह ठेके फिर शुरू हो गए। लोगों ने सोमवार को पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों को सौंपे ज्ञापन में शराब के अवैध अड्डे बंद कराकर बूटलेगर्स के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।
ज्ञापन देने के साथ ही उन्होंने चेतावनी भी दी कि यदि शराब के ठेके बंद नहीं कराए गए तो आगामी दिनों में आंदोलन करने से भी पीछे नहीं हटेंगे। ग्रामीणों ने बताया कि गांव के लोग अब बूटलेगर्स की दादागिरी से तंग आ चुके हंै। उन्होंने पुलिस की छत्रछाया में शराब के अड्डे चलने का आरोप भी लगाया। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि अगर शराब के अड्डे बंद नहीं हुए तो इसके बाद की स्थिति की पूरी जि़म्मेदारी पुलिस की रहेगी।
बेहतर हुआ था माहौल सरभोण गांव के लोगों ने दावा किया कि पहले जब शराब के अड्डे बंद करवाए थे, गांव का माहौल बेहतर हुआ था। लोगों की आर्थिक, सामाजिक और पारिवारिक स्थिति में सुधार देखने को मिला था। पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों को सौंपे ज्ञापन में भी उन्होंने दावा किया है कि इस शराबबंदी का सबसे बड़ा फायदा महिलाओं को हुआ था। शराब के अड्डे बंद होने से परिवार में होने वाले विवाद भी बंद हो गए थे।
सौंपी सूची ज्ञापन के साथ ही ग्रामीणों ने बूटलेगर्स की सूची भी अधिकारियों को सौंपी है। इस सूची में हंसमुख राठौड़, भिखा नायका, जयेश राठौड़, राजु हलपति, गीता हलपति, अरविंद चौधरी, मनोज राठौड़, आशीष राठौड़, विजय चौधरी, विशाल चौधरी, रमेश चौधरी, ठाकोर हलपति और भूरी राठौड़ के नाम शामिल हैं।