वीएनएसजीयू ने बस को रेलवे स्टेशन से वीएनएसजीयू के बीच चलाने का फैसला किया था, लेकिन चार साल में यह एक बार भी स्टेशन से वीएनएसजीयू रोड पर नहीं चली। बस कुलपति के कार्यालय के पीछे खड़ी है। इस्तेमाल नहीं होने के कारण इस पर धूल चढ़ गई है।
बस को कैसे चलाया जाए, वीएनएसजीयू के लिए यह बड़ा सवाल है। बस के चालक और क्लीनर को वेतन कौन देगा, चालक और क्लीनर की नियुक्ति कैसे की जाएगी, बस के ईंधन और रख-रखाव का पैसा कौन देगा, रेलवे स्टेशन से वीएनएसजीयू का किराया कितना वसूला जाए, इन सब पर फैसला नहीं होने से बस नहीं चल पाई है।
विश्वविद्यालय प्रशासन ने बस को लेकर सिटी बस चलाने वाले निजी ठेकेदार से संपर्क किया था, लेकिन ठेकेदार ने वीएनएसजीयू की बस चलाने का जिम्मा लेने से इनकार कर दिया।