VNSGU : गुजरात के बिना देश की विकास गाथा अधूरी : राष्ट्रपति
राष्ट्रपति : यूनिवर्सिटी में 35 हजार आदिवासी विद्यार्थियों का आकर्षण खींच लाया
वीएनएसजीयू के दीक्षांत समारोह में विद्यार्थियों को पीएचडी और मैडल से सम्मानित किया
VNSGU : गुजरात के बिना देश की विकास गाथा अधूरी : राष्ट्रपति
सूरत. वीर नर्मद दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय के 49वें दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि गुजरात के बिना भारत की विकास गाथा अधूरी है। समारोह में राष्ट्रपति ने वीएनएसजीयू के विद्यार्थियों को पीएचडी और मैडल प्रदान कर सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि दक्षिण गुजरात के 35 हजार आदिवासी विद्यार्थियों के आकर्षण के कारण वह वीएनएसजीयू आए हैं। वह समाज के ऐसे बेटे-बेटियों से मिलने आए हैं। विश्वविद्यालय के कन्वेंशन हॉल में हुए दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित थे। गुजरात के राज्यपाल ओ.पी.कोहली, मुख्यमंत्री विजय रुपाणी, शिक्षामंत्री भूपेन्द्र सिंह चूड़ासमा, शिक्षा राज्यमंत्री वैभावरी दवे भी समारोह में शामिल हुए। राष्ट्रपति जैसे ही कन्वेंशन हॉल में पहुंचे, पुलिस बैंड की ओर से राष्ट्रगीत की धुन के साथ दीक्षांत समारोह का आगाज हुआ। राज्यपाल ओ.पी.कोहली ने वीएनएसजीयू के 12 संकायों के 28 हजार 763 विद्यार्थियों को 115 डिग्रियां देने की घोषणा की। समारोह में राष्ट्रपति के हाथों 7 विद्यार्थियों को मैडल और 3 को पीएचडी प्रदान की गई।
आदिवासी बेटे-बेटियों से मिलने आया हूं विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि जनवरी में वीएनएसजीयू के कुलपति दीक्षांत समारोह के लिए उन्हें आमंत्रित करने आए थे। तब उन्होंने कहा था कि उनके अधिकार क्षेत्र में 148 केन्द्रीय विश्वविद्यालय आते हैं, राज्य के विश्वविद्यालय के लिए राज्यपाल हैं। वह केन्द्रीय विश्वविद्यालय के कार्यक्रम में नहीं जा पाते तो राज्य के विश्वविद्यालय में क्यों उपस्थित हों। तब कुलपति ने बताया कि वीएनएसजीयू दक्षिण गुजरात क्षेत्र में है। इसमें 35 हजार से अधिक आदिवासी विद्यार्थी पढ़ते हैं। मैं ऐसे बेटे-बेटियों से मिलने आया हूं। आपके बीच आकर प्रसन्नता हो रही है। राष्ट्रपति ने कहा कि डिग्री मिलने के बाद भविष्य संवारने के साथ समाज और देश के विकास को भी लक्ष्य बनाया जाए।
सूरत अंगदान सिटी भी राष्ट्रपति ने कहा कि गुजरात ने महर्षि दयानंद सरस्वती, महात्मा गांधी और सरदार पटेल जैसे महानुभव देश को दिए हैं। साथ ही मोरारजी देसाई और नरेन्द्र मोदी जैसे प्रधानमंत्री भी दिए हैं। गुजरात के बिना भारत की विकास गाथा अधूरी है। भारत के आर्थिक विकास में सूरत का महत्वपूर्ण योगदान है। सूरत को हीरा और टैक्सटाइल उद्योग के लिए पहचाना जाता है। इसके साथ इसे अंगदान सिटी कहा जाए को अतिश्योक्ति नहीं होगी। सूरत ऐतिहासिक नगर है। 10 साल में इसकी प्रगति आश्चर्यचकित करने वाली है। देश के सभी हिस्सों से लोग यहां रोजगार के लिए आते हैं। इसलिए विश्वविद्यालय की जिमेमेदारी ओर बढ़ जाती है। ऐसे विद्यार्थी तैयार किए जाएं, जो देश को आगे बढ़ाएं।
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