लॉकडाउन में जैसे ही काम-धंधे से फुरसत पाई, उन्होंने इस वक्त का इस्तेमाल अलग तरीके से किया। घर में बैठ कर उन्होंने अपने शोध को शब्दों का जामा पहनाया है। इस कोशिश ने उन्हें इंजीनियर और व्यवसायी के साथ ही अब एक लेखक भी बना दिया है। संदीप ने इम्यूनिटी को ही अपने लेखन का विषय बनाया है। अपनी किताब में भी उन्होंने इसी बात का जिक्र किया है कि इम्युनिटी आखिर बढ़ाई कैसे जाए। इम्यूनिटी एक दिन में न बनती है और एक दिन में बिगड़ती है। इम्यूनिटी का संबंध पाचन तंत्र और उसमें मौजूद जीवाणुओं से है। अच्दी नींद जहां इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाती है, तनाव, शराब, तम्बाकू आदि इसके दुश्मन हैं।
संदीप ने इम्युनिटी बढ़ाने के लिए नियमित ध्यान, प्राणायाम और योगा को जरूरी बताया है। उन्होंने लिखा है कि करोना से जंग में इम्यूनिटी से ज्यादा प्रभावी हथियार दूसरा नहीं है। कोरोना पर काबू करने के लिए दुनिया जिस दवा खोज रही है, वह हमारे शरीर में ही बनती है। उसे बस जागृत करने की जरूरत है। जब लॉकडाउन 4 में कई छूट दी गई हैं, कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए इम्युनिटी ही काम कर पाएगी। इम्युनिटी बढ़ाने के लिए अपनी किताब में उन्होंने अधिकांश उन तथ्यों का सहारा लिया है, जो खुद पर आजमाए जा चुके हैं और उनके सकारात्मक परिणाम मिले हैं।
किया हिंदी रूपांतरण डॉ. विल टटल की लिखी किताब द वल्र्ड पीस डायट दुनियाभर में वेगन जीवन पद्धति की बाइबल समझी जाती है। डॉ. विल टटल नवंबर 2017 में कार्यक्रम में भाग लेने सूरत आए थे, चर्चा के बाद संदीप डांगी ने उनसे द वल्र्ड पीस डायट के हिंदी रूपांतरण के अधिकार लिए थे। यह किताब भी जल्द प्रकाशित होने वाली है। इस किताब में शाकाहार पर बल दिया गया है। वेगन यानी सिर्फ पौधे पर आधारित आहार। वेगन आहार कारोना संक्रमण के इस दौर में सामयिक है।