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सूरत

ट्रेन के आगे लॉरी छोडक़र कौन भागा था, 48 घंटे बाद भी पता नहीं चला

सूरत स्टेशन के पार्सल ऑफिस के सामने मंगलवार रात अहमदाबाद-पुणे दुरंतो एक्सप्रेस के पार्सल हाथ लॉरी से टकराने के 48 घंटे बीतने के बाद…

सूरतMay 28, 2018 / 10:42 pm

मुकेश शर्मा

Who ran away from the lorry ahead of the train, even after 48 hours did not get it

Who ran away from the lorry ahead of the train, even after 48 hours did not get it

सूरत।सूरत स्टेशन के पार्सल ऑफिस के सामने मंगलवार रात अहमदाबाद-पुणे दुरंतो एक्सप्रेस के पार्सल हाथ लॉरी से टकराने के 48 घंटे बीतने के बाद भी उस व्यक्ति का सुराग नहीं मिल पाया है, जो लॉरी लेकर जा रहा था और ट्रेन आती देख लॉरी छोडक़र भाग गया। इसके पीछे पार्सल विभाग में अवैध रूप से अड्डा जमाए अनाधिकृत लोगों का रिकार्ड नहीं होना बताया जा रहा है। स्थानीय रेल अधिकारियों की नाक के नीचे यह गोरखधंधा वर्षों से चल रहा है।

सूत्रों के अनुसार सूरत स्टेशन के पार्सल ऑफिस में बुक किए जाने वाले पार्सलों की ढुलाई के लिए रेलवे ने एक निजी कंपनी को ठेका दे रखा है। इसके अलावा प्रमुख ट्रेनों में इंजन के पीछे तथा गार्ड के डिब्बे के आगे एसएलआर डिब्बे को लीज पर लेने वाले ठेकेदारों ने भी अपने यहां बुक किए जाने वाले पार्सलों की ढुलाई के लिए अलग से कुछ लोगों को नियुक्त कर रखा है। इनके अलावा भी कुछ लोग हैं, जो पार्सल ऑफिस से पार्सलों की ढुलाई करते हैं।

यह लोग अवैध रूप से स्टेशन पर अड्डा जमाए बैठे रहते हैं। मंगलवार रात प्लेटफॉर्म संख्या एक से कुछ दूर पार्सल ऑफिस के सामने पाथ-वे पर 12297 अहमदाबाद-पुणे दुरंतो एक्सप्रेस लकड़ी की हाथ लॉरी से टकरा गई थी। चश्मदीदों के मुताबिक एक हमाल प्लेटफॉर्म न. 02 पर पार्सल उठाने जा रहा था, तभी ट्रेन आती देख लॉरी छोड़ कर भाग गया। लॉरी दुरंतो एक्सप्रेस के इंजन के कैटल गार्ड के नीचे फंस गई थी। ट्रेन प्लेटफॉर्म नं. 02 पर रोक कर तीस मिनट देर से रवाना की गई।

रेलवे सुरक्षा बल ने यात्रियों की जान जोखिम में डालने के लिए रेलवे एक्ट की धारा 154 के तहत अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया है। घटना के 48 घंटे से अधिक बीतने के बाद भी यह पता नहीं लगाया जा सका है कि लॉरी लेकर कौन जा रहा था। सूत्रों ने बताया कि रेलवे के पार्सल की ढुलाई, लीज पर कोच लेने वाले ठेकेदारों के कर्मचारियों के अलावा अनाधिकृत दलालों तथा उनके यहां काम करने वाले मजदूरों की संख्या चालीस से पचास के बीच है। यह लोग दादागीरी से व्यापारियों के माल की ढुलाई करते हैं और रेलवे के ठेकेदारों के टोकने पर मारपीट पर उतर आते हैं।


सीसीटीवी फुटेज से मदद नहीं


सूरत स्टेशन पर सुरक्षा के लिए 47 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, लेकिन उनमें से किसी भी कैमरे से पार्सल ऑफिस की आसपास की लोकेशन देखने में मदद नहीं मिल रही है। हादसे के बाद रेलवे सुरक्षा बल ने सीसीटीवी फुटेज खंगालना शुरू किया। पार्सल लॉरी लेकर आने-जाने वालों के लिए पाथ-वे को कवर करने वाला कोई फुटेज नहीं मिला। रेलवे सुरक्षा बल निरीक्षक ईश्वर सिंह यादव पार्सल विभाग से जुड़े अधिकारियों और ठेकेदारों से जानकारी जुटा रहे हंै।

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