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सूरत

गार्ड-सर्वेंट और मरीज-परिजनों क्यों भीड़ गए ट्रोमा सेंटर में..? सीएमओ को बुलानी पड़ी पुलिस

खटोदरा पुलिस ने तीन जनों को हिरासत में लिया
अस्पताल में इलाज के लिए यहां-वहां भटकने से मरीज और परिजनों ने खोया आपा

सूरतOct 16, 2019 / 10:45 pm

Sanjeev Kumar Singh

गार्ड-सर्वेंट और मरीज-परिजनों क्यों भीड़ गए ट्रोमा सेंटर में..? सीएमओ को बुलानी पड़ी पुलिस

गार्ड-सर्वेंट और मरीज-परिजनों क्यों भीड़ गए ट्रोमा सेंटर में..? सीएमओ को बुलानी पड़ी पुलिस

सूरत.
न्यू सिविल अस्पताल के ट्रोमा सेंटर में मंगलवार शाम को मरीज तथा परिजनों ने सिक्यूरिटी गार्ड तथा सर्वन्ट से मारपीट की। ट्रोमा सेंटर में हुई इस घटना के कारण लोगों की भीड़ जमा हो गई जिसको नियंत्रित करना मुश्किल हो गया। बाद में सीएमओ ने पुलिस कंट्रोल रुम को सूचना देकर पीसीआर वैन बुलाई तब जाकर मामला शांत हुआ। पुलिस मरीज समेत तीन जनों को थाने लेकर चली गई।

न्यू सिविल अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार उधना शिवाजी नगर निवासी सुभाष बिरेन्द्र तिवारी (२५) को पांच दिन से बुखार था। परिजन उसे मंगलवार दोपहर न्यू सिविल अस्पताल लेकर आए। ट्रोमा सेंटर में प्रवेश करने के दौरान ऑन ड्यूटी सिक्यूरिटी गार्ड तारिक सिद्धार्थ खुर्शीद ने मरीज के साथ सिर्फ एक व्यक्ति को अंदर जाने के लिए कहा। इस बात से नाराज हो सुभाष का भाई सूरज गार्ड से झगड़ा करने लगा। विवाद बढऩे पर ट्रोमा सेंटर के गेट पर लोगों की भीड़ जमा हो गई।
गार्ड-सर्वेंट और मरीज-परिजनों क्यों भीड़ गए ट्रोमा सेंटर में..? सीएमओ को बुलानी पड़ी पुलिस
इसी दौरान सूरज ने गार्ड से गाली-गलौच करते हुए मारपीट शुरू कर दी। तब ट्रोमा सेंटर में तैनात सर्वेन्ट नुपुर कनु राज, संदीप गोकुल पाटील और दीपक राजु गिरासे सिक्यूरिटी गार्ड की मदद के लिए आगे आए तो सूरज उनसे भी झगड़ा करने लगा। इस दौरान सीएमओ डॉ. सुमित जागाणी ने पुलिस कंट्रोल रुम को सूचना दी और खटोदरा पुलिस थाने से पीसीआर वैन ट्रोमा सेंटर पहुंची। बाद में पुलिस सुभाष, सूरज और उनकी मां को पकडक़र थाने ले गई। इस विवाद में सिक्यूरिटी गार्ड और तीन सर्वेन्ट समेत चार लोग सामान्य रूप से घायल हुए है।
इन घायलों ने ट्रोमा सेंटर में एमएलसी करके उपचार करवाया। उल्लेखनीय है कि न्यू सिविल अस्पताल तथा ट्रोमा सेंटर में किसी भी तरह के विवाद होने पर सेंट्रलाइज्ड सायरन की व्यवस्था की गई है। लेकिन, मंगलवार को सिक्यूरिटी गार्ड के साथ हुए विवाद में किसी भी स्टाफ ने इस सायरन को मदद के लिए नहीं बजाया। इससे पूर्व 5-6 अक्टूबर को पनास गांव में रंजिशवश हुई मारपीट के बाद 15-20 घायलों को न्यू सिविल अस्पताल लाया गया था और तब ट्रोमा सेंटर में दो गुटो के आमने-सामने होने पर सीएमओ ने पुलिस कंट्रोल रुम को सूचना देकर पुलिस बुलाई साथ में गैलरी में लोगों को हटाने के लिए दो बार सिक्यूरिटी सायरन भी बजाया था।

ट्रोमा सेंटर के गेट पर नहीं थी पुलिस

न्यू सिविल अस्पताल खटोदरा पुलिस थाने के अंतर्गत आता है। पिछले दिनों हुए विवाद और झगड़े के कारण ट्रोमा सेंटर के मेन गेट पर दो पुलिस जवानों की तैनाती शुरू की गई थी। लेकिन, यह तैनाती कुछ समय तक ही लागू रही। ट्रोमा सेंटर में मंगलवार शाम को मरीज, परिजन और सिक्यूरिटी गार्ड, सर्वेन्ट के बीच हुई लड़ाई के बीच कोई पुलिसकर्मी उनकी मदद के लिए नहीं आया। सीएमओ को पुलिस कंट्रोल रुम में सूचना देकर पीसीआर वान बुलानी पड़ी।

अस्पताल में भटकने से भडक़े परिजन

उधना के शिवाजीनगर निवासी सुभाष तिवारी के साथ उसकी मां तथा भाई सूरज तिवारी न्यू सिविल अस्पताल आए थे। सूरज को अस्पताल पहुंचने में देर हो गई थी, इसलिए ओपीडी के समय में उसको उपचार नहीं मिला। इसके बाद उसे किसी ने ट्रोमा सेंटर में केस पेपर के लिए जाने के लिए कहा। सूत्रों ने बताया कि सूरज और सुभाष को इलाज के लिए यहां से वहां दौड़ाया गया जिसके चलते वह नाराज थे। ट्रोमा सेंटर में अंदर जाने से रोकने पर परिजनों ने आपा खो दिया और सिक्यूरिटी गार्ड, सर्वेन्ट से भिड़ गए थे। अस्पताल प्रशासन की ओर से इस मामले में कोई पुलिस रिपोर्ट दर्ज नहीं करवाई गई है।
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