रोजाना की तरह पत्रिका के फोटो जर्नालिस्ट और रिपोर्टर मंगलवार दोपहर रिपोर्टिंग के लिए निकले थे। करीब 12.15 बजे नानपुरा डच गार्डन के पास से गुजरते हुए उनकी नजर मक्कई पुल पर पड़ी। उन्होंने ब्रिज की रैलिंग से किसी को लटके हुए देखा। दूर से पहले तो यह भ्रम हुआ कि कोई पुतला लटकाया गया है। फोटो जर्नलिस्ट ने उसी जगह से उस नजारे की तस्वीर खींची और उसे झूम कर देखा तो पता चला कि रैलिंग पर युवक लटका हुआ है। वह समझ गए कि युवक तापी नदी में छलांग लगाने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने युवक की जान बचाने के लिए 12.21 बजे दमकल और पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना दी तथा खुद भी ब्रिज पर पहुंचे, लेकिन इससे पहले कि दमकलकर्मी मौके पर पहुंचते, युवक नदी में कूद चुका था और उसके सिर्फ हाथ दिखाई दे रहे थे। 12.30 बजे दमकलकर्मी मौके पर पहुंच गए थे। देखते ही देखते वह तापी के बहाव में बह गया। दमकलकर्मियों ने चार से पांच घंटे तक तापी नदी में उसकी खोज की। पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। घंटों की खोज के बाद भी युवक का पता नहीं चल पाया। युवक कौन था और तापी में क्यों कूदा, पुलिस ने इसकी जांच शुरू कर दी है।
सूरत. दो साल की बच्ची को खिलाने के बहाने ले जाने के बाद छेड़छाड़ के मामले में आरोपित युवक को सेशन कोर्ट ने पॉक्सो एक्ट की धाराओं के तहत दोषी करार देते हुए सात साल की कैद और 5 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुना दी।
पुलिस ने कतारगाम में गजेरा सर्किल के पास स्मृति सोसायटी निवासी हितेश गिरीश मोदी को बच्ची से छेड़छाड़ के आरोप में गिरफ्तार किया था। हितेश कतारगाम जीआइडीसी में पान की दुकान चलाता था। पास ही एक श्रमिक परिवार रहता था। आरोप के मुताबिक 28 मार्च, 2015 की रात आठ बजे हितेश श्रमिक परिवार की दो साल की पुत्री को खिलाने के बहाने पान की दुकान में ले गया और उससे छेड़छाड़ करने लगा। बच्ची के रोने की आवाज सुनकर पिता दुकान पर पहुंचे और हितेश से बच्ची को छीन लिया। हितेश वहां से फरार हो गया। अस्पताल में उपचार के बाद बच्ची के पिता की शिकायत पर पुलिस ने हितेश के खिलाफ आइपीसी की धारा 354 और पॉक्सो एक्ट की धारा 4 तथा 8 के तहत मामला दर्ज किया था। चार्जशीट पेश होने के बाद मामले की सुनवाई सेशन कोर्ट में चल रही थी। सुनवाई के दौरान लोकअभियोजक दिगंत तेवार आरोपों को साबित करने में सफल रहे। अंतिम सुनवाई के बाद मंगलवार को कोर्ट ने हितेश मोदी को पॉक्सो एक्ट की धाराओं के तहत दोषी मानते हुए सात साल की कैद और पांच हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।