10 वर्ष पूर्व शुरू हुई थी फोन पर अर्जी लगाने की सुविधा
मंदिर के पुजारी बताते हैं कि काफी समय पहले चिन्तामन गणेशजी का एक भक्त जर्मनी जाकर बस गया था। लगभग दशक भर पूर्व उस भक्त ने पुजारी को फोन किया तथा कहा कि वह फ ोन के जरिए चिन्तामन गणेशजी तक अपना संदेश पहुंचाना चाहता है। पुजारी ने भक्त की इच्छा का मान रखते हुए मोबाइल फोन गणेशजी के विग्रह के कान पर लगा दिया।
भगवान की कृपा से कुछ ही समय बाद उस भक्त की मनोकामना पूरी हो गई। जिसके बाद भक्तों द्वारा चिन्तामन गणेशजी के फोन पर अर्जी लगाने का सिलसिला चल पड़ा। जब भी ऎसा कोई फोन आता है तो मंदिर के पुजारी मोबाइल फोन को गणेश विग्रह के कानों पर लगा देते हैं, जिसके बाद भक्त अपनी मनचाही इच्छा भगवान के कान में बता देते हैं। उन्होंने बताया कि अक्सर श्रद्धालु फोन पर अच्छे भाग्य की, बढिया नौकरी और प्रमोशन, खुद की या परिजन के विवाह की, आर्थिक समृद्धि की मन्नत मांगते हैं और भगवान किसी को भी निराश नहीं करते।