scriptमां की ऐसी थी कृपा कि आपस में एक-दूसरे से ही लड़ मरे थे पाक सैनिक | ghantiyali mata who saved indians from pakistan army in 1971 war | Patrika News
मंदिर

मां की ऐसी थी कृपा कि आपस में एक-दूसरे से ही लड़ मरे थे पाक सैनिक

जैसलमैर से 120 किलोमीटर दूर और माता तनोट मंदिर से महज 5 किलोमीटर पहले माता घंटीयाली का दरबार है

Oct 04, 2016 / 02:11 pm

सुनील शर्मा

ghantiyali mata

ghantiyali mata

पाकिस्तान ने जब-जब अपनी नापाक करतूत को अंजाम दिया है उसे मुंह की ही खानी पड़ी है। पश्चिमी राजस्थान स्थित जैसलमैर से 120 किलोमीटर दूर और माता तनोट मंदिर से महज 5 किलोमीटर पहले माता घंटीयाली का दरबार है। माता घंटीयाली और माता तनोट की पूजा बीएसएफ के सिपाही ही करते हैं। 1965 की जंग में माता का ऐसा चमत्कार दिखा कि पाकिस्तानी सेना वहीं ढेर हो गई।

ये भी पढ़ेः मां का आशीर्वाद था, पाक सेना के 3000 बम मंदिर की एक ईंट भी नहीं हिला सके

ये भी पढ़ेः रोज सुबह उठते ही करें ये 5 काम, दिन भर दिखेगा असर, होंगे सभी काम

ये भी पढ़ेः रोजाना कुछ देर के लिए गायब हो जाता है यह शिव मंदिर, दर्शन मात्र से होता है कल्याण

सिद्ध दरबार माता घंटीयाली में पाकिस्तान सैनिकों की नापाक करतूत माता के पहले चमत्कार के सामने घुटने टेक गई। मंजर ऐसा कि आमने-सामने आती पाक सेना ने एक-दूसरे को ही अपना दुश्मन समझा और लड़ पड़े। वहीं माता के मंदिर में घुसे पाक सैनिक आपसी विवाद में ही ढेर हो गए। तीसरे चमत्कार में पाक सैनिक अंधे हो गए।

ये भी पढ़ेः अगर सुबह दिखें ये चीजें तो समझिए करोड़पति बनने वाले हैं आप

ये भी पढ़ेः क्या आप जानते हैं हिंदू धर्म से जुड़ी इन 10 मान्यताओं और रीति-रिवाजों के बारे में

ऐसे चमत्कारी दरबार में मंदिर के पुजारी (बीएसएफ सिपाही) पंडित सुनील कुमार अवस्थी से हुई। उत्तरप्रदेश निवासी अवस्थी ने प्रतिनिधि को माता के दरबार से संबंधित बहुत सी रोचक बातें बताई।

अवस्थी ने बताया कि संवत 808, 1200 वर्ष पुराना यह सिद्ध दरबार है। 1971 युद्ध में भारतीय सेना का साथ देने वाली माता तनोट की छोटी बहन माता घंटीयाली ने 1965 के युद्ध में भारतीय सेना का साथ निभाया। माता के आशीर्वाद और प्रताप के कारण पाकिस्तानी सैनिक यहां आपस में लड़ कर मर गए।

ये भी पढ़ेः भविष्यपुराण की 9 बातें, अब आप भी जान सकते हैं किसी का स्वभाव, भविष्य

ये भी पढ़ेः आप भी बनेंगे करोड़पति, अगर आपके हाथ में है ये निशान

अवस्थी के मुताबिक, माता का यहां ऐसा चमत्कार रहा कि 1965 की जंग के दौरान पाकिस्तानी सेना आमने-सामने से आने लगी तो अपनी ही सेना को भारतीय सैनिक समझ एक-दूसरे पर ही गोलियां दागने लगे और पाकिस्तानी सेना खत्म हो गई। वहीं पाकिस्तानी सेना घंटीयाली माता मंदिर तक पहुंच गई थी। मंदिर को नुकसान पहुंचाया, तो माता का और चमत्कार हुआ और आपसी विवाद के चलते सारे पाकिस्तानी सैनिक आपस में लड़ कर मर गए।

ये भी पढ़ेः कंठस्थ कर लें हनुमानजी के इन 12 नामों को, दूर होगी हर बाधा

ये भी पढ़ेः तंत्र-मंत्र की ये साधारण सी चीज दूर कर देती है जीवन की हर समस्या

अवस्थी ने बताया कि घंटीयाली तक पहुंची एक अन्य पाकिस्तानी टुकड़ी ने माता घंटियाली की मूर्ति का श्रृंगार उतारने की नापाक हरकत की थी। इसके चलते सारे पाकिस्तानी सैनिक अंधे हो गए थे।

माता घंटीयाली और माता तनोट की पूजा बीएसएफ के सिपाही ही करते हैं। 1965 और 1971 की जंग में दोनों देवियों के आशीर्वाद से तथा चमत्कार से पाकिस्तानियों को धूल चटाने के बाद बीएसएफ ने दोनों मंदिरों का जिम्मा अपने हाथों ले लिया। दोनों मंदिर में बीएसएफ का सिपाही ही पंडित होता है। अभी यह जिम्मेदारी बीएसएफ की 135वीं वाहिनी के पास है।

tannot mata temple saved indian army

Home / Astrology and Spirituality / Temples / मां की ऐसी थी कृपा कि आपस में एक-दूसरे से ही लड़ मरे थे पाक सैनिक

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो