कामना भेद के अनुसार अपने व्रत को गुप्त रखकर के दिशा आधार पर आसन संयोजित करना चाहिए। कामनानुसार पूजन सामग्री को एकत्रित कर समयानुसार नियमन करें। वैदिक पद्धति से की गई पूजा शीघ्र फलदायी मानी गई है। पौराणिक मान्यता से देखें तो अलग-अलग प्रकार से पूजन पद्धति इच्छित फल देने वाली और मनोकामना पूरी करने वाली होती है।
अविवाहित कन्याएं करें ये उपाय
जो कन्याएं विवाह योग्य हैं वे उत्तम वर के लिए महाशिवरात्रि का उपवास करें। संभव हो सके तो मौन व्रत रखकर शिव की आराधना करें। पंचोपचार अथवा षोडषोपचार पूजन करें। पूजन के बाद भगवान शिव से याचक भाव से उत्तम वर की प्राप्ति तथा सफल वैवाहिक जीवन के लिए प्रार्थना करें।
जो कन्याएं विवाह योग्य हैं वे उत्तम वर के लिए महाशिवरात्रि का उपवास करें। संभव हो सके तो मौन व्रत रखकर शिव की आराधना करें। पंचोपचार अथवा षोडषोपचार पूजन करें। पूजन के बाद भगवान शिव से याचक भाव से उत्तम वर की प्राप्ति तथा सफल वैवाहिक जीवन के लिए प्रार्थना करें।
अविवाहित पुरुषों के लिए उपाय
अविवाहित युवा एक समय फलाहार निश्चित करें तथा विधिवत भगवान शिव का अलग-अलग फलों के रसों से अष्टाध्यायी रूद्र का अभिषेक करें। पूजन के आखिर में इच्छित प्रार्थना करें। यह करने से मांगलिक विवाह के कार्य में आ रही बाधा दूर होगी तथा विवाह और मांगलिक कार्य आरंभ होगा।
अविवाहित युवा एक समय फलाहार निश्चित करें तथा विधिवत भगवान शिव का अलग-अलग फलों के रसों से अष्टाध्यायी रूद्र का अभिषेक करें। पूजन के आखिर में इच्छित प्रार्थना करें। यह करने से मांगलिक विवाह के कार्य में आ रही बाधा दूर होगी तथा विवाह और मांगलिक कार्य आरंभ होगा।
यह करने से सभी को लाभ
1. पाठात्मक: घी का दीपक भगवान शिव के सामने रखकर यथा श्रद्धा शिवाष्टक, रूद्राष्टक, शिवमहिम्न स्तोत्र, महामृत्युंज स्तोत्र, शिव सहस्त्रनामावली आदि स्तोत्र का पाठ करने से भी शिव कृपा होती है।
2. अभिषेकात्मक: भगवान शिव का ***** स्वरूप पूजन करने से भी शिव कृपा होती है। जिसमें पंचांमृताभिषेक, रसाभिषेक, धान्याभिषेक, आदि से भगवान शिव को प्रसन्न किया जा सकता है।
3. हवानात्मक: महाशिव की कृपा पाने के लिए रूद्र के पूजन का हवानात्मक अनुष्ठान का उल्लेख शास्त्र में वर्णित है। यह करने से भी शिव कृपा होती है।
1. पाठात्मक: घी का दीपक भगवान शिव के सामने रखकर यथा श्रद्धा शिवाष्टक, रूद्राष्टक, शिवमहिम्न स्तोत्र, महामृत्युंज स्तोत्र, शिव सहस्त्रनामावली आदि स्तोत्र का पाठ करने से भी शिव कृपा होती है।
2. अभिषेकात्मक: भगवान शिव का ***** स्वरूप पूजन करने से भी शिव कृपा होती है। जिसमें पंचांमृताभिषेक, रसाभिषेक, धान्याभिषेक, आदि से भगवान शिव को प्रसन्न किया जा सकता है।
3. हवानात्मक: महाशिव की कृपा पाने के लिए रूद्र के पूजन का हवानात्मक अनुष्ठान का उल्लेख शास्त्र में वर्णित है। यह करने से भी शिव कृपा होती है।