प्लिस्कोवा ने 28 वर्षीय ग्रेट ब्रिटेन की खिलाड़ी को सीधे सेटों में 6-3, 6-4 से हराया। यह मैच कुल एक घंटे और 25 मिनट तक चला। इस सीज़न में चेक गणराज्य की खिलाड़ी का यह दूसरा खिताब है। प्लिस्कोवा पहले गेम से ही कोंटा के खिलाफ सहज नजर आई और बेहतरीन सर्विस एवं ग्राउंडस्ट्रोक्स का उपयोग करते हुए जीत दर्ज की।
इस टूर्नामेंट में कोंटा ने वर्ल्ड टॉप-10 में मौजूद दो खिलाड़ियों को मात दी। इस उपलब्धि के चलते उन्हें 26 मई से शुरू हो रहे साल के दूसरे ग्रैंड स्लैम फ्रेंच ओपन में सीड प्रदान की जाएगी।
कोंटा ने कहा, “मैं जिस तरह से हर साल अपने प्रदर्शन को बेहतर करते हुए आगे बढ़ रही हूं उससे मुझे खुशी है। मियामी के बाद यह मेरा सबसे बड़ा फाइनल है, यह मेरे लिए बहुत बड़ा क्षण है।”
प्लिसकोवा-कोंटा के लिए यादगार रहा मुकाबला-
प्लिसकोवा 1978 के बाद इटली ओपन का खिताब जीतने वाली चेक गणराज्य की पहली खिलाड़ी हैं। कोंटा 1971 के बाद से इटली ओपन के फाइनल में पहुंचने वाली ग्रेट ब्रिटेन की पहली महिला खिलाड़ी हैं। 1971 में वर्जीनिया वेड ने इस प्रतियोतिगता के फाइनल में जगह बनाई थी।