बुधवार की सुबह 11 बजे के लगभग ग्राम पचेर की लगभग एक दर्जन आदिवासी महिलाएं गांव के बाहर पचेट घाट पर बनी मुरम की खदान से छुई मिट्टी(पोतनी) निकालने के लिए गई हुई थी। यहां पर मुरम के अवैध खनन के बाद नीचे छुई मिट्टी निकल रही है। यह महिलाएं अपने घरों को पोतने के लिए यह मिट्टी लेने गई हुई थी। जब यह महिलाएं खदान के अंदर जाकर मिट्टी खोद रही थी, उसी समय ऊपर से खदान धसक गई। खदान धसकने से 7 महिलाएं मिट्टी के नीचे दब गई। वहीं घटना स्थल से थोड़ी दूरी पर काम कर रहे आधा दर्जन महिलाएं भी चोटिल हो गई। इस घटना की सूचना तत्काल ही पुलिस और प्रशासन को दी गई, वहीं गांव से मौके पर पहुंचे लोगों ने मिट्टी हटा कर दबी महिलाओं को बाहर निकाला।
2 की मौत: इस घटना में घायल पार्वती सौर 40, मीराबाई 28, हीराबाई 40, मुन्नाबाई 50, कड़ीबाई 55, जशोदाबाई 28 एवं बेनीबाई 45 मुरम के नीचे दबने से गंभीर रूप से घायल हो गई। इन सभी को एम्बूलेंस की मदद से छतरपुर जिला अस्पताल भेजा गया। यहां पर डॉक्टरों ने पार्वती सौर 40 एवं मीराबाई 28 को मृत घोषित कर दिया। वहीं शेष घायलों को उपचार के लिए भर्ती किया गया है। इसके साथ ही मिट्टी खोदने गई जशोदाबाई 40, काशीबाई 55, परमीबाई 40, सपना 14, आरती 12 एवं फूलाबाई 45 को भी खदान से पत्थर एवं मिट्टी उछलने से मामूली चोटे आई है।
जेसीबी से हुई तलाश: घटना के बाद साथ में काम कर रही 3 महिलाएं डर के कारण भाग खड़ी हुई थी। डर के कारण यह महिलाएं न तो अपने घर पहुंची और न ही इनका गांव में पता चला। इस पर शंका हुई कि शायद यह लोग मिट्टी में ही दबी हुई है। इस पर प्रशासन ने जेसीबी मशीन मंगा कर इनकी खोजबीन शुरू की। प्रशासन लगभग 2 घंटे तक खदान की मिट्टी निकाल कर इनकी तलाश करता रहा। एसडीओपी सुरेश सेजवाल ने बताया कि इसके बाद जब यह महिलाएं वापस लौट आई तो काम बंद कर दिया गया।
लगा लोगों को जमावड़ा: घटना की सूचना पर खदान पर लोगों का जमावड़ा लग गया। पूरे पचेर गांव के साथ ही आसपास के लोग भी घटना स्थल पर पहुंच गए। घटना के बाद पचेर के आदिवासी मोहल्ले में मातम छाया हुआ है। गांव में शांति व्यवस्था के मद्देनजर एसडीओपी के साथ ही अन्य प्रशासनिक अधिकारी एवं पुलिस के जवान मौके पर मौजूद बने हुए है।
अवैध तरीके से संचालित थी खदान: यह खदान अवैध तरीके से संचालित थी। यहां पर यह आदिवासी महिलाएं तो घर के लिए छुई मिट्टी लेने गई थी, लेकिन लोगों की माने तो यहां से बड़े पैमाने पर मुरम का खनन किया जाता है। यह खदान देखने से खुद पता चल रहा है कि यहां पर लंबे समय से मुरम का खनन किया जा रहा है। अवैध तरीके से संचालित हो रही यह खदान प्रशासनिक अमले की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर रही है। लोगों की माने तो यहां पर लगभग पांच एकड़ क्षेत्र में खनन किया जा रहा है। विदित हो कि इन दिनों संपूर्ण जिले में रेत और मुरम का अवैध कारोबार जमकर फलफूल रहा है। इसके बाद भी प्रशासन मौन बना हुआ है।
कहते है अधिकारी: घटना में दो महिलाओं की मौत हुई है। घायल 5 महिलाओं को छतरपुर में भर्ती कराया गया है। इनकी हालत ठीक बताई जा रही है। पुलिस घटना की जांच कर रही है। जांच के बाद जो भी तथ्य सामने आते है, उसके अनुरूप कार्रवाई की जाएगी।- सुरेश सेजवाल, एसडीओपी, टीकमगढ़।