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टीकमगढ़

अधिवक्ताओं ने रखा काम बंद, किस आदेश को बताया पंगु बनाने वाला, जानिए पूरा सच

न्यायालय के इस आदेश के विरोध में मंगलवार को अधिवक्ताओं ने अपना काम बंद कर प्रतिवाद दिवस मनाया

टीकमगढ़Sep 19, 2018 / 11:12 am

anil rawat

Advocates strike observed protest day

Advocates strike observed protest day

टीकमगढ़. सर्वोच्च न्यायालय एवं उच्च न्यायालय द्वारा हाल ही में वकीलों द्वारा की जाने वाली हड़तालों पर रोक लगाने का आदेश जारी किया गया है। न्यायालय के इस आदेश के विरोध में मंगलवार को अधिवक्ताओं ने अपना काम बंद कर प्रतिवाद दिवस मनाया। अधिवक्ता इसे अपनी स्वतंत्रता समाप्त करने जैसा गंभीर मुद्दा बता रहे थे।
मंगलवार को जिला न्यायालय के सभी वकील हड़ताल पर रहे और काम नही किया। हाल में वरिष्ठ न्यायालयों द्वारा अधिवक्ताओं की हड़ताल को अनुचित करार देते हुए इस पर रोक लगाने का आदेश जारी किया गया है। इस आदेश में अधिवक्ताओं द्वारा अपनी समस्याओं को लेकर काम से विरत रहने या असहयोग करने पर, ऐसे अधिवक्ताओं की सनद जप्त करने और यदि कोई अधिवक्ता पदाधिकारी है, तो उसे पद मुक्त करने का आदेश दिया था। वरिष्ठ न्यायालयों के इस आदेश को अभिभाषक अपने संविधान में प्रदत्त स्वतंत्रता के अधिकार का हनन बता रहे थे। इस आदेश के विरोध में मंगलवार को बार कॉउंसिल ऑफ इंडिया एवं मप्र राज्य अधिवक्ता परिषद के अव्हान पर जिला बार एसोसिएशन ने भी विरोध करते हुए प्रतिवाद दिवस मनाया। अधिकवक्ताओं का कहना था कि अपनी मांगों को लेकर हड़ताल करना लोगों का मौलिक अधिकार है।

सौंपा ज्ञापन: इसके साथ ही अभिभाषक संघ ने मुख्य न्यायाधिपति के नाम एक ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन में उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय के इस आदेश का विरोध करते हुए इसे तत्काल वापस लेने की मांग की है। इसके साथ ही अभिभाषकों ने उच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीशों की नियुक्तियों के संबंध में भारतीय विधिक परिषद एवं राज्य विधिक परिषद से राय मंगानें की मांग करने के साथ ही न्यायाधीश एकाउंट बिलटी बिल तुरंत लाए जाने की मांग की है।

परेशान हुए पक्षकार: न्यायालय में अधिवक्ताओं के प्रतिवाद दिवस मनाने और काम न करने के कारण पक्षकार परेशान हुए। सभी वकीलों ने अपने पक्षकारों के आवेदन लगवा कर उन्हें अगली तारीख दे दी। पूरे दिन न्यायालय में कोई काम नही हुआ। अभिभाषक संघ द्वारा मंगलवार को इसकी सूचना सभी वकीलों को देने के साथ ही आम स्थानों पर भी चस्ता कर दी गई थी। इसके साथ ही अधिवक्ताओं ने न्यायालय में विरोध प्रदर्शन भी किया।
कहते है अध्यक्ष: वरिष्ठ न्यायालय द्वारा दिया गया आदेश हमारे स्वतंत्रता के अधिकारों का हनन करता है। एक पिटीशन के विरोध में सर्वोच्च न्यायालय ने वकीलों की हड़ताल को अवैध करार दिया है। इसके विरोध में हम प्रतिवाद दिवस मना रहे है। – रघुवीर ङ्क्षसह तोमर, अध्यक्ष, जिला अभिभाषक संघ, टीकमगढ़।

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