सौंपा ज्ञापन: इसके साथ ही अभिभाषक संघ ने मुख्य न्यायाधिपति के नाम एक ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन में उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय के इस आदेश का विरोध करते हुए इसे तत्काल वापस लेने की मांग की है। इसके साथ ही अभिभाषकों ने उच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीशों की नियुक्तियों के संबंध में भारतीय विधिक परिषद एवं राज्य विधिक परिषद से राय मंगानें की मांग करने के साथ ही न्यायाधीश एकाउंट बिलटी बिल तुरंत लाए जाने की मांग की है।
परेशान हुए पक्षकार: न्यायालय में अधिवक्ताओं के प्रतिवाद दिवस मनाने और काम न करने के कारण पक्षकार परेशान हुए। सभी वकीलों ने अपने पक्षकारों के आवेदन लगवा कर उन्हें अगली तारीख दे दी। पूरे दिन न्यायालय में कोई काम नही हुआ। अभिभाषक संघ द्वारा मंगलवार को इसकी सूचना सभी वकीलों को देने के साथ ही आम स्थानों पर भी चस्ता कर दी गई थी। इसके साथ ही अधिवक्ताओं ने न्यायालय में विरोध प्रदर्शन भी किया।
कहते है अध्यक्ष: वरिष्ठ न्यायालय द्वारा दिया गया आदेश हमारे स्वतंत्रता के अधिकारों का हनन करता है। एक पिटीशन के विरोध में सर्वोच्च न्यायालय ने वकीलों की हड़ताल को अवैध करार दिया है। इसके विरोध में हम प्रतिवाद दिवस मना रहे है। – रघुवीर ङ्क्षसह तोमर, अध्यक्ष, जिला अभिभाषक संघ, टीकमगढ़।