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टीकमगढ़

औसत बारिश का आंकड़ा पूर्ण, आधे तालाब अब भी खाली

वर्षाकाल के पूर्व ही औसत बारिश का लक्ष्य पूर्ण हो गया

टीकमगढ़Sep 15, 2018 / 12:45 pm

anil rawat

Average rainfall data completed Half pond still empty

Average rainfall data completed Half pond still empty

टीकमगढ़. पिछले चार सालों से सूखे की मार झेल रहे जिले पर इस वर्ष इंद्रदेव ने कृपा की और वर्षाकाल के पूर्व ही औसत बारिश का लक्ष्य पूर्ण हो गया। लेकिन इसके बाद भी जिले के आधे तालाब अब तक खाली बने हुए है। जिले के कुल 129 तालाबों में से मात्र 63 में ही क्षमता के अनुरूप पूरा पानी आया है। शेष तालाब अब भी खाली बने हुए है। आलम यह है कि जिले के 7 तालाबों में तो अब भी डेड स्टोरेज पानी ही उपलब्ध हो सका है। इनमें से 5 तालाब बल्देवगढ़ क्षेत्र के है।
आज 15 सितम्बर को वर्षाकाल पूर्ण हो जाएगा। वर्षाकाल पूर्ण होने के पूर्व ही जिले में कुल 1126.1 मिमी औसत बारिश दर्ज की जा चुकी है। जबकि जिले की औसत बारिश का आंकड़ा 1000.2 मिमी है। जिले में औसत बारिश का आंकड़ा जरूर पूरा हो गया है, लेकिन तालाबों की स्थिति अब भी ङ्क्षचताजनक बनी हुई है। जिले की सिंचाई संरचनाओं के रूप में अपनी अहम उपयोगिता दर्ज कराने वाले जिले के 129 प्रमुख तालाबों में से मात्र 63 में ही क्षमता के अनुरूप पानी पहुंच सका है। शेष तालाबों को अब भी पानी की दरकार है। ऐसे में वर्षाकाल समाप्त होने के बाद अब इन तालाबों के भरने की प्रति विभाग भी चिंतित बना हुआ है।

यह है तालाबों की स्थिति: जिले में सिंचाई के लिए अपनी महत्ती भूमिका निभाने वाली बड़ी परियोजनाओं में शामिल नंदनवारा बांध इस बार पूरी तरह से भर गया है। वहीं दूसरी परियोजना राजेन्द्र सागर बांध में वर्षाकाल पूर्ण हो जाने के बाद 80 प्रतिशत ही पानी पहुंचा है। इनके अतिरिक्त जिले में सिंचाई के लिए उपयोगी शेष 127 तालाबों में से 16 तालाबों में क्षमता का 25 प्रतिशत, 23 तालाबों में 25 से 50 प्रतिशत, 13 तालाबों में 50 से 75 प्रतिशत एवं 5 तालाबों में 75 से 100 प्रतिशत के बीच पानी पहुंचा है। इनके अलावा 63 तालाब पूरी तरह से भर चुके है।
बल्देवगढ़ के तालाब खाली: जिले में सबसे ज्यादा चिंताजनक स्थिति बल्देवगढ़ एवं खरगापुर बेल्ट की है। यहां के प्रमुख तालाबों में अब तक पानी नही पहुंचा है। बल्देवगढ़ में सिंचाई के लिए अपनी अहम भूमिका निभाने वाले ग्वालसागर तालाब एवं रानीताल भेलसी के साथ ही देरी तालाब, मातौल तालाब एवं फुटेर तालाब खाली पड़े हुए है। इसके साथ ही टीकमगढ़ का माडूमर एवं लार तालाब भी खाली बना हुआ है। इन तालाबों में अब तक डेड वाटर स्टोरेज से अधिक पानी नही पहुंच सका है। ऐसे में इन तालाबों से सिंचित होने वाली लगभग 3 हजार एकड़ जमीन की सिंचाई की समस्या बनी हुई है।
यह है बारिश की स्थिति: 14 सितम्बर तक जिले में कुल 1126 मिमी औसत बारिश दर्ज की चुकी है। इसमें सर्वाधिक बारिश ओरछा में 1608 मिमी दर्ज की गई है। इसके बाद पृथ्वीपुर में 1366 एवं निवाड़ी में 1335 मिमी बारिश हुई है। जतारा में 1007, टीकमगढ़ में 990 एवं पलेरा में 934 मिमी बारिश दर्ज की है। जिले में सबसे कम बारिश बल्देवगढ़ विकासखण्ड में 643 मिमी दर्ज की है। बल्देवगढ़ में कम बारिश होने के कारण ही यहां के प्रमुख तालाब अब तक खाली बने हुए है। विदित हो कि जिले के अन्य तालाबों का कैचमेंट एरिया या तो दूसरे तालाबों से जुड़ा हुआ है या फिर वह पहाड़ी की तराई में बने है। ऐसे में बारिश का पानी ही इन तालाबों को भरने का प्रमुख श्रोत है। यही कारण है कि बल्देवगढ़ में कम बारिश होने से यहां के तालाब अब तक खाली बने हुए है।
कहते है अधिकारी: बल्देवगढ़ में कम बारिश होने से यहां के प्रमुख तालाब खाली बने हुए है। तालाबों को भरने का एक मात्र जरिया बारिश ही है। यदि आगे बारिश नही होती है तो बल्देवगढ़ के तालाब नही भर सकेंगे। बारिश के बाद जिले के सभी तालाबों में मिलाकर 67 प्रतिशत पानी स्टोरेज कर लिया गया है।- केके मिश्रा, कार्यपालन यंत्री, सिंचाई विभाग, टीकमगढ़।

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