सुविधाओ को लेकर सरकार की ओर से कोई सीधी गाइडलाइन तो नही है लेकिन आमजन की कमाई से चलने वाले बैंको में मूलभूत सुविधाएं तो दी ही जा सकती है। शुकवार को बैंको में जाकर हालत का जायजा लिया गया तो ग्राहको की शिकायते सामने आई।
दो घंटे लग जाते है लाइन में
जिला मुख्यालय में स्टेट बैंक की मुख्य शाखा में ड्राफ्ट बनबाने आए हेमंत तिवारी का कहना था कि बैंक की मुख्य शाखा होने के कारण हमेशा भीड़ रहती है। राशि जमा करना हो या निकालना हो कम से कम एक से दो घंटे का समय लग जाता है। ऐसे में प्यास तो लग ही आती है,लेकिन बैंक परिसर में पानी नही दिखाई देता। बताया गया है कि पानी ऊपर वाले भवन में है,लेकिन लाइन छोडकर जाने का भी मन नही होता है।
जिला सहकारी बैंक में पेंशन लेने आई मिथला ,छोटीबाई कहती है कि पानी तो सामने रखा रहता है,लेकिन लू के गर्म थपेडो से नही बच पाते है। समाजसेवी और जिला कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष राजेन्द्र अध्र्वयु कहते है कि इस भीषण गर्मी के मौसम में स्टेट बैंक, यूनियन बैंक, सेन्ट्रल बैंक, यूको बैंक, सहकारी बैंक सहित अन्य सभी बैंकों में ग्राहक को पानी तक नसीब नहीं होता है।
अधिकारी तो एयरकंडीशनर की ठंडक में रहते हैं। अधिकांश बैंकों में भीड़ इतनी अधिक होती है कि वृद्व पेंशनर्स कई घंटों में पेंशन ले पाते हैं। खातेदार अपनी समस्याओं को लेकर परेशान रहते हैं । लेकिन उनकी आवाज कोई नही सुनता है। उनका कहना था कि कही सीसीटीवी कैमरे नहीं हैं तो कुछ बैंकों में सुरक्षाकर्मी तक नहीं हैं। बैंकों द्वारा हर प्रकार की सेवा का पैसा जनता से लिया जाता है किन्तु सेवा के नाम पर शोषण किया जा रहा है।
कहते है अधिकारी–
सभी बैंको को ग्राहको की सुविधाओ का ध्यान रखना चाहिए। यह सभी बैंको का अपना मसला है। बैठक में इस मसले पर ध्यान दिलाया जाएगा।
सुनील कर्ण महाप्रबंधक लीड़ बैंक टीकमगढ़