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टीकमगढ़

बोमा पद्धति से पकड़े जाएंगे चीतल, चरणबद्ध तरीके से होगी शिफ्टिंग

चीतल शिफ्टिंग को लेकर सीसीएफ ने किया खैराई के जंगल का निरीक्षण

टीकमगढ़Dec 08, 2019 / 08:41 pm

anil rawat

Chital shifting in tikamgarh

Chital shifting in tikamgarh

टीकमगढ़. छतरपुर सीसीएफ आरपी राय ने रविवार को कुण्डेश्वर स्थित खैराई के जंगलों का निरीक्षण किया। उन्होंने यहां पर जंगलों में चीतलों को देखा एवं उनके पकडऩे के लिए की जा रही तैयारियों के संबंध में भी जानकारी ली। सीसीएफ ने यहां पर अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए।


खैराई के जंगलों में बढ़ रही चीतलों को ओरछा सेंचुरी में शिफ्ट किया जाना है। इसके लिए सीसीएफ राय ने रविवार को डीएफओ एपी सिंह सहित तमाम अमले के साथ यहां पहुंचे। उन्होंने जंगल में चीतलों की चरागाह सहित वह स्थान देखे जहां से उन्हें पकड़ा जाएगा। सीसीएफ राय का कहना था कि यहां पर तेजी से बढ़ रहे चीतलों के कारण अब फसलों को नुकसान होने लगा है। ऐसे में अब यहां से 100 चीतल ओरछा भेजे जाएंगे। इसके लिए तैयारियां की जा रही है। उनका कहना है कि चीतलों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ती है, ऐसे में इनकी शिफ्टिंग जरूरी हो गई है।

 

बोमा पद्धति से होगी शिफ्टिंग: सीसीएफ राय ने बताया कि यहां पर चीतलों को बोमा पद्धति से पकड़ा जाएगा। इसमें चीतलों को पहले लगभग 20 एकड़ में खाने के चारा डाला जाएगा। लगभग 10 दिन तक एक ही स्थान पर खाने के अभ्यस्त होने के बाद इस एरिया की फैसिंग की जाएगी। इसके बाद धीरे-धीरे इस एरिया को कम किया जाएगा। इसके बाद पिंजड़ा लगाकर इन्हें पकड़ा जाएगा।


धीरे-धीरे होगी शिफ्टिंग: उन्होंने बताया कि यह शिफ्टिंग धीरे-धीरे की जाएगी। पहले 15 से 20 चीतल ओरछा भेजे जाएंगे। जब यह वहां के वातावरण से सामंजस्य बना लेंगे तो दूसरे चरण में चीतलों को वहां भेजा जाएगा। सीसीएफ राय ने कुण्डेश्वर में आगे वन प्राणी अनुभव क्षेत्र विकसित करने की बात कही है।

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