विदित हो कि परम्पराग जलस्रोंतों की स्थिति काफी दयनीय बन गई है। नगर परिषद ने दो साल से पहले कुएं की सुध ली थी। नगर के लगभग आधा दर्जन कुओं की साफ सफाई कराई थी और रंग रोगन भी कराया गया था। इसके बाद विभाग के जिम्मेदारों ने इन कुओं की सुध नहीं ली। फिलहाल, इन कुओं में झाडिय़ां उग आई हैं।
कभी बुझाता था लोगों की प्यास, अब दुर्दशा का शिकार
पुरानी बस्ती स्थित प्रेमनारायण, प्रताप नायक, कैलाश चौरसिया, मनोज सेनी ने बताया कि सिंचाई विभाग के पास स्थित कुआं कई वर्ष पुराना है।पहले इस कुएं से आसपास के लोग लोगों की प्यास बुझती थी। यह कुआं लम्बे समय से बदहाली की स्थिति में है।सफाई भी नही हुई है। कुएं के आसपास काफी गंदगी रहती है।
शहर में हैण्डपम्पों की संख्या- 6 5
कुल 6 में से एक ट्यूबवेल चालू
शहर में नए एवं पुराने कनेक्शन – 1700 लगभग
तालाबों की संख्या- 2
परम्परागत कुंओं की संख्या-12
इनका कहना है
नगर में जितने भी पुराने कुएं हैं, उनका सर्वे कराया जा रहा है। जल्द ही कुओं को चिन्हित कर जो कुएं पानी योग्य होगे उनकी साफ -सफाई कराई जाएगी एवं रंग रोगन भी कराया जाएगा।
प्रदीप ताम्रकार, सीएमओ, नगर परिषद