शुरू हुआ चल समारोह: रावण दहन के साथ ही सामुहिक चल समारोह प्रारंभ किया गया। यहां से देवी प्रतिमाओं की मनोहारी झांकियों को चल समारोह के रूप में निकाला गया। इस चल समारोह को देखने के लिए आसपास के क्षेत्र से भारी संख्या में लोग आए हुए थे। सड़क के दोनों ओर चल समाराहे देखने के लिए लोगों की भीड़ एकत्रित थी। यह चल समारोह नगर के प्रमुख मार्गों से होकर सीधा महेन्द्र सागर तालाब पहुंचा। यहां पर एक के बाद एक करके प्रतिमओं का विसर्जन किया गया।
नम आखों से दी विदाई: दशहरा के पर्व पर सुबह से ही देवी प्रतिमाओं के विसर्जन का कार्य प्रारंभ हो गया था। पिछले दस दिनों से मां की भक्ति में रमे लोगों ने नम आंखों में माता को विदाई दी। इस विदाई के बेला में बड़ी संख्या में माताएं-बहिनें माता को विदा करने के लिए साथ आई। वहीं युवा जोश के साथ मां के जयकारे लगाते हुए चल रहे थे। युवाओं ने चल समारोह में जमकर गुलाल उड़ाई। चल समारोह में अखाड़ों ने भी अपना प्रदर्शन किया।