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टीकमगढ़

उधारी में करा लिया मूल्यांकन, सरकार पर 44 लाख बकाया

बोर्ड परिक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कराने के बाद अब सरकार शिक्षकों का मानदेय देना ही भूल गई है।

टीकमगढ़Dec 07, 2018 / 01:16 pm

anil rawat

Education Department

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टीकमगढ़. बोर्ड परिक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कराने के बाद अब सरकार शिक्षकों का मानदेय देना ही भूल गई है। लगभग 7 माह पूर्व मूल्यांकन कर चुके शिक्षकों को आज तक मानदेय का ढेला भी नही मिला है। शिक्षक इसके लिए विभाग के अधिकारियों से बात कर रहे है, तो जिम्मेदार सरकार से राशि प्राप्त न होने की बात कह रहे है। ऐसे में शिक्षक परेशान बने हुए है।
कक्षा 10वीं एवं 12वीं की परीक्षाएं होने के बाद शिक्षकों को मूल्यांकन कार्य के लिए लगाया गया था। जिले में आई दूसरे जिले की उत्तर पुस्तिकाओं की जांच करने के लिए जिले में लगभग 700 शिक्षकों को तैनात किया गया था। कुछ शिक्षक जिला मुख्यालय के थे, तो कुछ शिक्षक जिले के अन्य स्थानों से मूल्यांकन कार्य के लिए आते थे। गर्मियों की छुट्टियों में जहां दूसरे शिक्षक आराम से अपने घर पर रहते थे, ऐसे में यह शिक्षक अपने मूल्यांकन कार्य को अंजाम देते थे। इस कार्य में लगे शिक्षकों के मन में भी यही भाव था कि गर्मियों में किए जा रहे इस श्रम के बाद विभाग द्वारा उन्हें नियम पारिश्रमिक दिया जाएगा।
नहीं मिला मानदेय: लेकिन उत्तर पुस्तिकाओं की जांच हुए 7 माह से अधिक का समय गुजर जाने के बाद भी शिक्षकों को मानदेय नही मिल सका है। उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में लगे लगभग 700 शिक्षक लगभग प्रतिदिन उत्कृष्ट विद्यालय क्रमांक 1 के संकुल प्राचार्य कार्यालय के साथ ही जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में या तो फोन कर रहे है, या फिर से स्वयं पहुंच कर इसकी जानकारी कर रहे है कि आखिर अब तक मानदेय क्यों नही मिला है। मूल्यांकन कार्य में लगे कुछ शिक्षकों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि पहले उनका यह मानदेय दीपावली के पूर्व हर हालत में मिल जाता था, लेकिन अब साल बदलने वाला है, लेकिन मानदेय का अता-पता नही।

अटके 44 लाख: मूल्यांकन कार्य में लगे लगभग 700 शिक्षकों का मानदेय का लगभग 44 लाख रूपए शेष पड़ा हुआ है। मूल्यांकन कार्य में लगे शिक्षकों को कक्षा 10वीं की उत्तर पुस्तिका के मूल्यांकन पर 11 रूपए एवं 12वीं की एक उत्तर पुस्तिका के मूल्यांकन पर 12 रूपए मानदेय दिया जाता है। इसके साथ ही जो शिक्षक जिला मुख्यालय के बाहर से मूल्यांकन कार्य के लिए आते है, उन्हें शासन की ओर से निर्धारित टीए-डीए भी दिया जाता है। इन सभी को मिलकर शिक्षकों का लगभग 44 लाख रूपए अटका हुआ है।
शासन से नही मिली राशि: मूल्यांकन के लगभग 7 माह बाद भी मानदेय न मिलने के मामले में उत्कृष्ट विद्यालय क्रमांक 1 के संकुल प्राचार्य आरके सक्सेना का कहना है कि अब तक शासन से मानदेय की राशि प्राप्त नही हुई है। उनका कहना है कि जिन जिलों से पूर्व में बिल बन कर चले गए थे, वहां राशि जारी कर दी गई है, जहां से बिल थोड़ा बिलंब से पहुंचे थे, वहां की राशि जारी नही हो सकी है। उनका कहना है कि यहां से पूरी प्रक्रिया की जा चुकी है, खाते में पैसा आते है, सभी शिक्षकों के खातें में यह राशि स्थानांतरित कर दी जाएगी। वहीं कुछ शिक्षकों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि राशि आ चुकी है, लेकिन लापरवाही के चलते यह नही दी जा रही है।
कहते है अधिकारी: यह तो संबंधित संकुल का मामला है। वैसे मानदेय की राशि अब तक वितरित हो जानी चाहिए। यदि वितरित नही हुई है, तो इस संबंध में आज ही संकुल प्राचार्य से बात की जाएगी। शासन स्तर से राशि आवंटित न होने पर बात की जाएगी।- जेएस बरकड़े, जिला शिक्षा अधिकारी, टीकमगढ़।

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