कृषि उपज मंडी में बनाए गए दोनों केंद्रों पर ताला लगा हुआ है। ट्रैक्टर ट्राली में अनाज भरकर ५ बार चक्कर लगा चुके है। लेकिन वहां पर कोई भी कर्मचारी नहीं मिला है। गांव से केंद्र तक आने में डेढ़ हजार रुपए खर्च हुआ है। केंद्र प्रभारियों और जिम्मेदारों की लापरवाही से यह नुकसान भुगतना पड़ रहा है।
किसान अमान चढ़ार पठा खास।
९० क्विंटल का पंजीयन किया गया है। मैसेज भी आ गया है। किराए से ट्रैक्टर को किया था। उसमें अनाज भरकर केेंद्र तीन बार आ चुके है। लेकिन खरीद केंद्र शुरू नहीं हो पाया है।
किसान बब्बूराजा जटऊवा गांव।
शासन ने तो १ अप्रेल से खरीद केंद्र शुरू कर दिए है। लेकिन मंडी में बनाया गया केंद्र अभी तक शुरू नहीं हो पाया है। दो दिनों से अनाज को केंद्र और केंद्र से घर ला रहा हूं। परेशान होकर सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत भी कर दी है।
किसान अर्जुन कुशवाहा मधुवन।
७२ क्विंटल का पंजीयन कराया था। मैसेज भ्ी आया था, उसी को लेकर केंद्र पर देखने के लिए गया था। लेकिन वहां पर किसानों के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। ना तो केंद्र खोला गया है और ना ही कर्मचारियों को रखा गया है और ना ही सम्र्पक लिखा गया है। प्रशासन की इस व्यवस्था पर किसानों ने नाराजगी जताई है।
किसान रतिरात अहिरवार जटुऊवा
इनका कहना
पुराने कर्मचारियों को हटा दिया गया है। मैनेजर से चर्चा की जाती तो उनका कहना होगा है कि प्रशासक से चर्चा करें। लेकिन किसानों को जबाब देते देते परेशान हो गए है।
हरेंद्र जोशी ऑपरेटर
विपणन सहकारी समिति मयादित से हटाकर उन केंद्रों को दूसरी समिति में अटैच कर दिया है। एक दो दिनों में आदेश आ जाएगा। किसानों को सलाह देने के लिए कर्मचारी नियुक्त किया जाएगा।
राजेश दुबे मैनेजर उर्पाजन समिति टीकमगढ़।