टायर, मटकें और बोतलों में उगा रहे पौधें
पौधों को लगाने में मटके, प्लास्टिक की बाल्टी और खराब बोतलों को गमला बनाया है। इसके साथ ही प्लास्टिक की ट्रे गार्डन बनाया है। प्लास्टिक के गमले, मिट्टी के गमलों पर पेंट की जगह गेरू का इस्तेमाल करें। साइज के हिसाब से मिट्टी के गमले का इस्तेमाल किया है।
घर में लाने वाले फलों से किए पौधें तैयार
ढोंगा रोड़ निवासी आलोक जैन का ने बताया कि देशी खाद को एकत्रित किए हुए है। फलों में निकलने वाले बीज को गोबर खाद में के साथ मिट्टी में रख देते है। वहीं कुछ समय बाद अुकंर निकल देते है। उन्हीें पौधों को रूफ गार्डन में लगा देते है। इसके साथ ही पौधों में देशी खाद जरूर चाहिए। यह खाद गोबर की या मार्केट में मिलने वाले केमिकल फ र्टिलाइजर्स हो सकते हैं। नीम, सरसों या मूंगफ ली की खली भी खाद के रूप में इस्तेमाल किया है। जिसके कारण गार्डन बन गया है।
इन पौधों को देशी खाद में उगाया
ढोंगा रोड़ स्थित आलोक जऊन द्वारा हाईड्रोपोनिक बगैर मिट्टी के पौधों को पानी में लगाना, अमरूद, संतरा, मौसमी, पायनापल, ट्रे गार्डन, नीबू, जबेरा, बबीना, मिट्रोनिंयां, नारियल, अनार, अंगूर के साथ अन्य प्रकार के पौधों को उगा रहे है।