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टीकमगढ़

खंडहर होती जा रहीं धरोहरें, चिंता सिर्फ कागजों में

कागजों में हो रही धरोहरों की चिंता

टीकमगढ़Sep 10, 2018 / 02:20 pm

vivek gupta

Historical heritage of the ruins concerns only in paperwork

Historical heritage of the ruins concerns only in paperwork

टीकमगढ़..जिले को ऐतिहासिक महलों और मंदिरों का जिला माना जाता है। मुख्यालय के साथ ही बल्देवगढ़ क्षेत्र की धरोहरो पर प्रशासन का कोई ध्यान नही है,लिहाजा इतिहास की यह धरोहरें खंडहर होती जा रही है। बल्देवगढ़ नगरी में सैकडों साल पुराने मंदिरों का सही तरीके से रखरखाव नहीं हो पा रहा है। विगत सालों से क्षतिग्रस्त पड़े इन मंदिरों को सुधारने का काम अभी तक शुरू नहीं हो पाया,जबकि मंदिरो में कई जगहों पर दरारें पडी हुई है। प्रशासन ने पिछले कई सालों से इन मंदिरों के संरक्षण एवं सुधार कार्य को लेकर आगे नही आया है। यहां तक कि यह कभी भी खतरनाक साबित हो सकते है।

बलदाऊ जी मंदिर बारिश के दौरान पानी रिसने लगा है। प्रशासन एवं पुरातत्व विभाग की ओर से मंदिरो के रखरखाव की ओर कोई ध्यान न दिए जाने से धरोहरें धीरे-धीरे दरकनें लगी है। गौरतलब है कि बल्देवगढ़ में ऐतिहासिक सम्पदा बिखरी पडी हुई है। पुरातत्व एवं प्रशासन की अनदेखी के कारण ऐतिहासिक धरोहरें नष्ट होती जा रही है। वही इसको लेकर स्थानीय प्रशासन भी गंभीर नही दिख रहा है।

जिससें महाराजा विक्रमादित्य एवं भगवान बल्देव के नाम पर प्रसिद्ध गढ कहे जाने वाले बल्देवगढ की पहचान है। किले व मंदिर की विशिष्टता होने से राज्य शासन द्वारा क्षेत्र को विशिष्ट दर्जा दिया गया है। परंतु जिम्मेदारों की लापरवाही के कारण सिर्फ नगर की पवित्रता एवं धरोहर खतरे में है। साथ ही मंदिरों के अस्तित्व पर भी संकट के बादल मंडराने लगे है।

 

विभाग बदलते ही कार्य अटका
बल्देवगढ किले एवं ऐतिहासिक मंदिर के रखरखाव का जिम्मा पुरातत्व विभाग द्वारा लेते हुए जीर्णोद्धार का कार्य शुरु करा दिया गया था। परंतु धरोहर अब टूरिज्म के पास पहुंचते ही अब तक जीर्णोद्धार का कार्य शुरुनही कराया जा सका। जिसमें अब धरोहर की चिंता भगवान भरोसे बनी हुई है।

नही लगे तडित चालक
विगत कुछ सालों पूर्व आकाशीय बिजली गिरने से बलदाउ मंदिर से सटकर बनाए आश्रम पूरी तरह क्षतिग्रस्त होने के बाद भी नगर के प्राचीन मंदिरों एवं किला में अभी तक तडित चालक नही लगवाया गया। आकाशीय बिजली गिरने से इनके क्षतिग्रस्त होने की आशंका बनी रहती है। धरोहरों में बलदाउ मंदिर,ग्वालसागर शिव मंदिर,मढ हनुमान मंदिर,गोपाल जी मंदिर,विंध्यवासिनी,हिंगलाज सहित अन्य ऐतिहासिक धरोहरें अब खंडहर होने लगी है।


कहते है अधिकारी
ऐतिहासिक धरोहरो को सहेजने का काम पुरातत्व विभाग करता है। मंदिरों के रखरखाव के लिए पत्र लिखा जाएगा।
अभिजीत अग्रवाल कलेक्टर टीकमगढ़

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