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टीकमगढ़

दस वर्षों से प्लेसमेंट कैम्प का इंतजार . आईटीआई कॉलेज का हाल

तकनीकी शिक्षा को रोजगार की गारंटी माना जाता है। स्टूडेंट्स में तस्सल्ली रहती है कि यदि वे तकनीकी शिक्षा हासिल करेंगे तो उन्हें आसानी से नोकरी मिल जाएगी।

टीकमगढ़Feb 19, 2019 / 08:24 pm

akhilesh lodhi

 Khanapurni is done at district level

Khanapurni is done at district level

टीकमगढ़/बल्देवगढ़. तकनीकी शिक्षा को रोजगार की गारंटी माना जाता है। स्टूडेंट्स में तस्सल्ली रहती है कि यदि वे तकनीकी शिक्षा हासिल करेंगे तो उन्हें आसानी से नोकरी मिल जाएगी। नगर में संचालित आईटीआई कॉलेज इस सच को झूठला रहा है। आईटीआई छात्रों को नौकरी दिलाना तो दूर पिछले दस वर्षों से एक भी बार प्लेसमेंट कैम्प नहीं लगाया जा सका है।
गौरतलब है कि वर्ष 1996 से औधोगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) संचालित है। यहां इलेक्टिकल्स और कम्प्यूटर ऑपरेटिंग का कोर्स चल रहा है। कॉलेज को खुले 2 दशक से अधिक समय बीत गए। 2009 में इसे 6 ट्रेडों की मान्यता भी मिल गई थी। वहीं 2016 मैं आईटीआई को अपना खुद का भवन मिला। तब से अब तक हजारों छात्र-छात्राएं पासआउट हो चुके हैं लेकिन इनमें से किसी को प्लेसमेंट कैम्प के जरिये नौकरी नहीं मिली। इस संस्थान से निकले छात्रों को डिग्री थमाई गई लेकिन नौकरी दिलाने के संबंध में कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। स्थिति यह है कि पिछले 2 दशकों में न तो प्लेसमेंट कैम्प लगाया गया और न ही कंपनियों से जॉब के ऑफर आए हैं। कोर्स पूरा करने के बाद छात्र-छात्राओं को नौकरी हासिल करने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ रही है। हालत इतने बुरे हैं कि अधिकांश स्टूडेंट्स स्वरोजगार के लिए कर्ज लेकर खुद का छोटा-मोटा काम करना शुरू कर दिए हैं।
जिला स्तर पर की जाती है खानापूर्ति
शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार मुहैया कराने के लिए जिला रोजगार कार्यालय की ओर से मेले लगाए जाते हैं। परन्तु इन मेलो में नाममात्र के जॉब ऑफर मिलते हैं। इनमें भी संबंधित कंपनियां कई तरह की शर्तें रख देती हैं। कई बच्चे अनुभव नहीं होने के कारण नौकरी से वंचित रह जाते हैं।
औद्योगिक विहीन क्षेत्र होने से कंपनियों का रुझान कम
क्षेत्र में स्थानीय रोजगार के संसाधनों का विकास जैसे होना चाहिए वैसा नहीं हुआ है। औद्योगिक क्षेत्र मैं विकास नहीं होने के कारण बड़े-बड़े शहरों की कंपनियां यहां कम रुझाान लेती हैं। विदित हो कि कई दशकों बाद भी औद्योगिक क्षेत्र में विकास नहीं होने से कंपनियां रुचि कम ले रही हैं। युवा बेरोजगार भी रोजगार की तलाश में भटक रहेे हैं।
वर्ष 2000 में छीन चुकी थी इलेक्ट्रिशियन सहित अन्य ट्रेड
विभागीय जानकारी के मुताबिक वर्ष 2000 में आईटीईवी, इलेक्ट्रिशियन ट्रेड कॉलेज से छीनी जा चुकी थी जो सागर एवं भोपाल ट्रांसफर होना बताया गया। परंतु 2009 में पुन: ट्रेडों की सौगात मिली। इसमें बिल्डर, फिटर, इलेक्ट्रीशियन, डीजल मैकेनिक एवं कोपा जैसी विषयों को मान्यता मिली है। वर्तमान में इन ट्रेंडों से 185 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत बने हुए हैं।
इनका कहना है
प्रत्येक आईटीआई कॉलेज में प्लेसमेंट कैंप का प्रावधान जरूर है, लेकिन जिला स्तर पर यह आयोजित किया जाता है। समय-समय पर होने वाली इस कैंप में छात्र-छात्राओं को शामिल किया जाता है।
सोहित कुमार, आईटीआई कॉलेज प्राचार्य
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