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टीकमगढ़

मेडिकल कॉलेज के लिए प्रधानमंत्री को पत्र लिखना इस मंत्री को पड़ा महंगा, अपने ही क्षेत्र में होने लगा विरोध

छतरपुर जिले में मेडीकल कॉलेज खोलने लिखे गए पत्र के बाद क्षेत्रीय सांसद और केन्द्रीय मंत्री वीरेन्द्र कुमार सोशल मीडिया के निशाने पर आ गए है।

टीकमगढ़Feb 11, 2018 / 01:00 pm

anil rawat

Union Minister on the target of social media

Union Minister on the target of social media

टीकमगढ़. छतरपुर जिले में मेडीकल कॉलेज खोलने लिखे गए पत्र के बाद क्षेत्रीय सांसद और केन्द्रीय मंत्री वीरेन्द्र कुमार सोशल मीडिया के निशाने पर आ गए है। वहीं शहर में भी उनके इस कदम को लेकर लोग निंदा कर रहे है। स्वास्थ्य सेवाओं से बेहाल जिले में मेडीकल कॉलेज खोलने के लिए लोगों ने अब आंदोलन करने का मन बनाया है।
6 फरवरी को सांसद वीरेन्द्र कुमार ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर छतरपुर जिले में मेडीकल खोलने की मांग की थी। सांसद वीरेन्द्र कुमार का यह पत्र जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, वैसे ही लोगों ने इसके विरोध में अपनी प्रक्रियाएं देना शुरू कर दिया था। सांसद के इस पत्र के वायरल होने के बाद अब जिले में मेडीकल कॉलेज स्थापित कराने के लिए युवाओं द्वारा अपने स्तर पर मुहिम प्रारंभ कर दी गई है।
बनाया ग्रुप: युवाओं ने जिले में मेडीकल कॉलेज स्थापित करने के लिए व्हॉसट्स एप पर मेडीकल कॉलेज टीकेजी ग्रुप बनाकर इसकी पैरवी शुरू कर दी है वहीं कुछ युवाओं ने मंगलवार को इसके लिए एक जन चौपाल आयोजित की है। इसे स्वास्थ्य सेवओं की बेहतरी के लिए जन चौपाल का नाम दिया गया है। इसमें जिले के डॉक्टरों, समाजसेवियों, छात्र संगठनों एवं जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है। इसके साथ ही फेसबुक पर भी इसका जमकर विरोध किया जा रहा है।
फेसबुक पेज पर लोगों द्वारा व्यक्त प्रतिक्रियाएं:
संसद में खड़े होकर महामना ट्रेन के समय को बदलने की उनकी मांग को आज तक नही सुना गया, उनसे क्यों मेडीकल कॉलेज खुलवाने की उम्मीद रखते हो-
रूद्र रघुराज, की फेसबुक वॉल से

टीकमगढ़ की 5 विधानसभा क्ष्ज्ञेत्रों के लोगों ने दिल खोलकर वोट दिया भाजपा को और सांसद को, लेकिन मेडीकल कॉलेज छतरपुर में खोलेंगे। टीकमगढ़ के लोगों के साथ धोखा।-
सचेन्द्र यादव, ओरछा की फेसबुक वॉल से


… जिले के लोगों ने अपना मत देकर खटीक साहब को इस जिले की प्रगति के लिए सांसद चुना था। आज 9 वर्ष के कार्यकाल की उनकी शून्य उपलब्धियों को भी शायद भूल जाते यदि जिले की सर्वाधिक आवश्यक जरूरत स्वास्थ्य सेवा के लिए वह टीकमगढ़ हेतु प्रयास करते।..-
राकेश सिंह, की फेसबुक वॉल से


मेडीकल कॉलेज की मांग सांसद पूरी न कर पाए तो टीकमगढ़ न आए-

रविशंकर शुक्ला की फेसबुक वॉल से।


कहते है सांसद:

अभी नीति आयोग ने सर्वे कराया था। इसमें देश भर के 115 जिले शामिल किए गए थे। नीति आयोग ने प्रदेश के दमोह, राजगढ़, छतरपुर, बड़बानी, खंडवा, गुना, विदिशा और सिंगरौली जिले को शामिल किया था। इस हिसाब से देश भर में 24 कॉलेज खोले जाने है। यह 3 लोकसभाओं के बीच में एक खोला जाएगा। इस हिसाब से मप्र के हिस्से में एक ही कॉलेज आ रहा है। सर्वे में छतरपुर का नाम होने के कारण वहां के लिए पत्र लिखा है। इसका मतलब यह नही कि टीकमगढ़ में नही चाहिए। इसके लिए राज्य शासन से मांग की जा रही है। –
वीरेन्द्र कुमार, सांसद एवं केन्द्रीय महिला बाल विकास राज्य मंत्री।

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