अस्पताल के कर्मचारियों ने बताया कि वर्ष २०२१ में सोनोग्राफी के लिए डॉ. भूपेश गुप्ता थे। उसके बाद जनवरी २०२४ में दूसरे रेडियोलॉजिस्ट आ गए। उन दोनों का स्थानांतरण कर दिया गया। अस्पताल के कर्मचारियों ने बताया कि यह चर्चा फैली है कि निजी सोनोग्राफी सेंटर संचालकों के दवाब के चलते यहां पर रेडियोलॉजिस्ट ठहर नहीं पाते है। जिसके कारण जिला अस्पताल में कम और निजी सेंटर पर सोनोग्राफी अधिक होती है।
खरगापुर क्षेत्र के गांव के रामस्वरूप यादव बताते है कि मंगलवार को सोनोग्राफी का नंबर लिया था। मंगलवार को लाइन में लगे रहे और बुधवार को वापस आ गए। गुरुवार को सोनोग्राफी का नंबर लगना मुश्किल लग रहा है।
फैक्ट फाइल
दिनांक सोनोग्राफी संख्या
६ मई को ०३ सोनोग्राफी
७ मई को १० सोनोग्राफी
८ मई को ०५ सोनोग्राफी
३० फार्म प्रतिदिन सोनोग्राफी के लिए हो रहे जमा
अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट नहीं है। दो डॉक्टर है जो सोनोग्राफी करते है। बीच में एक रेडियोलॉजिस्ट को पदस्थ किया गया था, लेकिन उसने आना बंद कर दिया है। दो बार नोटिस भी निकाले गए है। नए रेडियोलॉजिस्ट को तैनात करने के लिए प्रशासन को पत्र लिखा है। जिससे गांव से आने वाले मरीजों को परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े।
डॉ.डीएस भदौरिया, आरएमओ जिला अस्पताल टीकमगढ़।