प्रदेश सरकार ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम औद्योगिक इकाईयों के लिए नई औद्योगिक नीति बनाई हैं। जिला उद्योग केन्द्र के महाप्रबंधक राजशेखर पाण्डे ने बताया कि इस नीति में सरकार ने निजी भ्ूामि पर भी औद्योगिक क्षेत्रों के लिए निर्माण को मंजूरी दी हैं। साथ ही निजी भूमि पर औद्योगिक इकाई विकसित करने पर अधोसंरचना विकास के लिए ढाई करोड़ रुपए का अनुदान देने का भी प्रावधान किया हैं। वहीं निजी क्षेत्र में पावरलूम से संबंधित औद्योगिक क्षेत्र का विकास करने पर अधोसंरचना के लिए सरकार ने पांच करोड़ रुपए के अनुदान का प्रावधान किया हैं। सरकार के इस निर्णय से लोग निजी भूमि पर औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने के लिए आगे आएंगे।
बढ़ाई सब्सिडी: युवाओं को उद्योग स्थापित करने के लिए प्रेरित करने को सरकार ने सब्सिडी की राशि में भी बढ़ोत्तरी की हैं। महिलाओं एवं एससीएसटी वर्ग के युवाओं को उद्योग स्थापित करने के लिए 8 प्रतिशत अतिरिक्त सब्सिडी देने का प्रावधान किया हैं। वहीं निर्यातक औद्योगिक ईकाइयों की स्थापना के लिए सरकार ने 12 प्रतिशत अतिरिक्त सब्सिडी देने की बात कहीं हैं। वहीं सरकार ने इस बार औद्योगिक इकाई के लिए बनाए जाने वाले भवन पर भी सब्सिडी देने का प्रावधान किया हैं। पहले यह केवल मशीन पर दी जाती थी। वहीं पांच साल में मिलने वाली 40 प्रतिशत सब्सिडी को अब सरकार चार साल में देगी।
क्वालिटी को भी प्रोत्साहन: नई नीति में सरकार ने उद्योग में बनने वाले सामग्री को गुणवत्तायुक्त तरीके से बनाने के लिए भी मदद करने का प्रावधान किया हैं। उद्योग स्थापित करने वाले युवा यदि आइएसआई मार्का लेते हैं तो सरकार इसके लिए भी 5 लाख रुपए की सहायता करेंगी, पहले यह 3 लाख रुपए थी। वहीं यदि कोई अपने सामान का पेटेंट कराता है तो सरकार उसे 10 लाख रुपए की सहायत देगी।
सुरक्षा एवं स्वच्छता का प्रयास: नई नीति में सरकार ने औद्योगिक इकाइयों में सुरक्षा एवं स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए भी प्रावधान किए हैं। इसमें यदि कोई औद्योगिक इकाइ एनर्जी ऑडिट कराती हैं तो उसे 5 लाख की सहायता दी जाएगी। वहीं प्रदूषण सामग्री के उत्सर्जन को रोकने के लिए लगाए जाने वाले उपकरणों के लिए भी सरकार 25 लाख की मदद करेगी। वहीं गुड्स मेन्यूफैक्चिरिंग इकाइयों में सुरक्षा मानकों के लिए सरकार 50 लाख या लागत का 50 प्रतिशत अनुदान देंगी।
कर्मचारी वेतन में भी अनुदान: इसके साथ ही सरकार ने इस बार वस्त्र उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कर्मचारियों की वेतन के लिए भी अनुदान का प्रावधान किया हैं। महाप्रबंधक पाण्डे ने बताया कि वस्त्र उद्योग में लगने वाले कर्मचारियों को भी सरकार ढाई हजार रुपए प्रतिमाह प्रति कर्मचारी अनुदान देगी। एक वर्ष में अधिकतम 5 लाख रुपए का अनुदान दिया जाएगा। यह अनुदान पांच वर्ष तक दिया जाएगा। इसके साथ ही सरकार ने कुछ अन्य नए प्रावधान किए हैं।