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टीकमगढ़

तीन महीने से बंद पड़ा तहसील में ऑनलाइन सिस्टम, लोग हो रहे परेशान

जिले की तहसीलों में तीन महीनों से पंजीयन, नामांतरण सहित अन्य कम्प्यूराईड काम ऑनलाइन नहीं हो पा रहे है।

टीकमगढ़Sep 25, 2018 / 12:22 pm

akhilesh lodhi

Online system in Tehsil closed for three months

Online system in Tehsil closed for three months

टीकमगढ़.जिले की तहसीलों में तीन महीनों से पंजीयन, नामांतरण सहित अन्य कम्प्यूराईड काम ऑनलाइन नहीं हो पा रहे है। महीनों से लंबित पड़े जमीनी कार्यो को करवाने के लिए किसान पटवारियों, बाबूओं और तहसील कार्यालयों के चक्कर काटने के लिए मजबूर है। जिसके कारण जिले के किसानोंसे लेकर घर का सपना संजोए जमीन लेने वाले आमजन को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। एक ओर सरकारराजस्व विभाग में नई-नई योजनाएं शुरू कर किसानोंराहत देने के दावे कर रहा है। लेकिन इंटरनेट और सॉफ्टवेयर सिस्टम रनिंग नहीं होने के कारण किसानों का एक घंटें का कार्य कराने के लिए महीनों चक्कर लगाने पड़ रहे है। जिसके कारण कम्प्यूटर कक्ष में ऑनलाईन काम वाली सैकड़ों फाइलों के ढेर लगे हुए है। भू-अभिलेख सॉफ्टेवयर और पंजीयन विभाग के सॉफ्टवेयर का इंटीग्रेशन किया गया है। पुराने सॉफ्टवेयर को हटाकर नया सॉफ्टवेयर लोड़ करने की तैयारी मप्र स्तर पर की जा रही है। जिससे पटवारी और किसान घर बैठे अपने पंजीयन और नामांतरणों को फीडकर सकता है।
रकबा और डायवर्जन के लिए किसान हो रहे परेशान
टीकमगढ़ निवासी संकेत रैकवार और उमेश सिंह घोष ने बताया कि रकबा के साथ जमीन का नामांतण कराने के लिए दो माह पहले फाईल को जमा किया गया था। दो माह में दर्जनों बार कम्प्यूटर कक्ष में ऑनलाईन होने की जानकारी की गई। लेकिन वहां से साईड बंद होने की बात की जा रही है। जिससे किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
घर का सपना है अधूरा
आलम यह है कि अपने आशियाने के लिए जमीन खरीदने के बाद नामांतरण ने होने से बैंक से घर के लिए लोन नही ले पा रहे है। गणेशपुरम निवासी रजनी सेठ,सुशील रावत ने बताया कि तहसील से तामांतरण होने के बाद कम्प्यूटर पर दर्ज नही होने से पुस्तिका नही बन पा रही है। जमीन संबधी दस्तावज ने होने से बैंक द्वारा घर के लिए लोन नही मिल पा रहा है।
तीन माह से नहीं हो पाया वेब लागू
भू-अभिलेख सॉफ्टवेयर और पंजीयन विभाग के सॉफ्टवेयर का इंटीगे्रशन किया गया है। इससे पंजीयन के समय जमीन से संबंधित जानकारी सीधे भूअभिलेख सॉफ्टवेयर के माध्यम से मिलेगी। वहीं भूअभिलेख द्वारा जमीन के भूमि स्वामी रकबा डायवर्जन को जानकारी उप पंजीयन को उपलब्ध होगी। भूअभिलेख सॉफ्टवेयर के तहत आने वाले नए वेब तीन महीनों से लागू नहीं हो पा रहा है। जिसके कारण तहसील में कार्य शुरू नहीं हो पाया है।

योजनाओं का किसानों को नहीं मिल पा रहा लाभ
शासन द्वारा भले ही किसानों के हित में नई-नई राजस्व विभाग में कई योजनाएं संचालित की गईहो। लेकिन विभाग की लापरवाही के कारण किसानों को योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसके साथ ही खसरा, खतौनी, रकबा, डायवर्जन, नामातरंण के साथ अन्य प्रकार के कार्य में रूकावट पैदा हो रही है। मामले को लेकर किसानों ने संबंधित अधिकारियों से चर्चा की । मामले में उनका कहना है कि पुराना सॉफ्टवेयर हटाकर नए सॉफ्टवेयर को सेट किया जा रहा है। जल्द ही किसानों का कार्य किया जाएगा।
जीआईएस सिस्टम दर्ज होने का इंजतार कर रहे किसान
शासन द्वारा तहसीलों में वेब जीआईएस सिस्टम लागू करने के लिए पुराने सिस्टमों को बंद कर दिया है। नया जीआईएस सिस्टम लागू करने के लिए भोपाल स्तर से काम जारी है। इस सिस्टम को बंद होते तीन माह हो गए है। जिसके कारण किसानों में आक्रोश बना हुआ है।
नये सिस्टम की देरी से पुराने सिस्टम में होगा काम
कम्प्यूटर कक्ष प्रभारी केके गौतम का कहना है कि नए वेब जीआईएस सिस्टम में देरी हो रही है। किसानों के जमीनी कार्यो ससहित अन्य कार्यो की बढोत्तरी दिनों दिन बढ़ती जा रही है। जिसके कारण पुरानी साईड को चालू करने की तैयारी की जा रही है। जिसके कारण किसानों लंबित कार्य समय पर हो सके।
इनका कहना
नए सॉफ्टवेयर पर काम चल रहा है। कार्य पूरा होने पर जल्द ही लोगों को सुविधा मिलने लगेगी।
अभिजीत अग्रवाल कलेक्टर टीकमगढ़।

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