scriptशुरू होते ही बंद हो गई वन विभाग की किसान समृद्धि योजना | Only 282 kiran were able to plant 2 lakh fruitful and timber plants | Patrika News
टीकमगढ़

शुरू होते ही बंद हो गई वन विभाग की किसान समृद्धि योजना

पर्यावरण संतुलन के साथ किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए वन विभाग ने किसान समृद्धि योजना का शुभारंभ किया था।

टीकमगढ़Aug 09, 2020 / 10:23 pm

akhilesh lodhi

 Only 282 kiran were able to plant 2 lakh fruitful and timber plants

Only 282 kiran were able to plant 2 lakh fruitful and timber plants

टीकमगढ़.पर्यावरण संतुलन के साथ किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए वन विभाग ने किसान समृद्धि योजना का शुभारंभ किया था। इसमें फलदार पेड़ पौधों के साथ इमारती लकडिय़ों के पेड़ लगाए जाने थे। यह योजना २४२ किसानों तक ही पहुंच पाई गई है। लेकिन शासन द्वारा प्रोत्साहन राशि नहीं दी गई। जिसके चलते यह योजना ठंडे वस्ते में चली गई। यह महत्वाकांछी योजना न तो आगे बढ़ पाई और न ही किसानों को लाभ दे पाई है।
समृद्धि योजना का शुभारंभ वर्ष २०१७-१८ में किया गया था। इस योजना के तहत किसानों को आर्थिक स्थिति से मजबूत करना और पर्यावरण को संतुलन करने के लिए पहल चलाई गई थी। इस योजना में फलदार पेड़ों के साथ इमारती लकडियों के पेड़ लगाने के साथ वन विभाग द्वारा प्रोत्साहन राशि भी दी जानी थी। लेकिन प्रोत्साहन राशि नहीं आने के कारण यह योजना अधर में ही लटक गई। जिसके कारण किसानों को योजना का लाभ नहीं मिल पाया है।
यह किया गया पौध रोपण, लेकिन नही मिल पाया लाभ
जिले में वर्ष २०१७-१८ में २४२ किसानों द्वारा १ लाख ९२ हजानर २५० फलदार और दमारती पौधों को रोपा गया था। लेकिन यह योजना बीच में ही बंद हो गई। जिन किसानों ने फलदार और कीमती पौधों को रोपा गया था। उन्हें प्रोत्साहन राशि भी नहीं दी गई है।
यह मिलना था योजना का लाभ
किसानों द्वारा फलदार और इमारती लकड़ी के लाखों पौधे रोपे जाने थे। जिसमें नीम, शाल, सीसम, आमला सहित अन्य फलदार वृक्ष शामिल थे। उनके खेतों की मेढ़ों पर पौधे लगाने के लिए दिए जाएंगे। किसानों द्वारा लगाए जाने वाले पौधों के लिए शासन पहले वर्ष 15 रूपए और दूसरे वर्ष 10 रुपए देना थे। इस योजना के तहत किसान अपने खेतों पर 50 से 5 हजार तक पौधे लगाए जाने थे। यह पौध वन विभाग द्वारा उपलब्ध कराई जानी थी। इन पौध रोपण में 3 लाख रुपए का बजट दिया गया था।


जो रोपे गए वह सूख गए
बारिश के मौसम में वन विभाग के साथ ही प्रशासन द्वारा करोड़ों रुपए खर्च करके पौधरोपण का कार्य किया जाता है। लेकिन समुचित रखरखाव के अभाव में बारिश के बाद अधिकांश पौधे सूखकर खत्म हो गए है। यही कारण है कि सालों से चल रहे पौधोपरण के बाद आज भी दिनों-दिन जिले में पौधों की संख्या के साथ ही वनों का परिक्षेत्र भी घट गया है। इस समस्या से निजात पाने अब वन विभाग ने कृषि समृद्धि योजना प्रारंभ हुई। लेकिन वह भी खत्म हो गई है।
इनका कहना
किसानों के लिए योजना आई थी। उसमें कई किसानों को लाभ दिया था। लेकिन अब यह योजना बंद हो गई है।
एपीएस सेंगर डीएफओ टीकमगढ़।

Home / Tikamgarh / शुरू होते ही बंद हो गई वन विभाग की किसान समृद्धि योजना

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो