जो रोपे गए वह सूख गए
बारिश के मौसम में वन विभाग के साथ ही प्रशासन द्वारा करोड़ों रुपए खर्च करके पौधरोपण का कार्य किया जाता है। लेकिन समुचित रखरखाव के अभाव में बारिश के बाद अधिकांश पौधे सूखकर खत्म हो गए है। यही कारण है कि सालों से चल रहे पौधोपरण के बाद आज भी दिनों-दिन जिले में पौधों की संख्या के साथ ही वनों का परिक्षेत्र भी घट गया है। इस समस्या से निजात पाने अब वन विभाग ने कृषि समृद्धि योजना प्रारंभ हुई। लेकिन वह भी खत्म हो गई है।
इनका कहना
किसानों के लिए योजना आई थी। उसमें कई किसानों को लाभ दिया था। लेकिन अब यह योजना बंद हो गई है।
एपीएस सेंगर डीएफओ टीकमगढ़।