महानगरों से लौटे मजदूर को कई गांव में शासकीय भवनों में क्वारंटाइन किया गया है। यह मजदूर 14 दिन इन्हीं भवनों में रहे और अपने आप को किसी प्रकार से उपेक्षित न समझे, इसके लिए एसडीएम सौरभ संजय सोनवणे सोमवार की रात लगभग एक दर्जन गांव में पहुंचे। यहां पर उन्होंने क्वारंटाइन किए गए लोगों के बीच समय बिताया। इन लोगों से पूछा कि आखिर वह क्यों अपना घर छोड़ कर जाते है। इसके साथ ही उन्होंने इन लोगों को कोरोना वायरस की गंभीरता एवं उससे बचाव के उपाय बताए। उन्होंने लोगों से कहा कि शासन हर घड़ी उनके साथ है। वह लोग केवल 14 दिन का सहयोग शासन से करें।
खाना खाया: एसडीएम ने अब्दा बम्हौरी पहुुंच कर यहां पर मजदूरों के साथ बैठकर खाना खाया। यहां पर 240 मजदूर लौट कर वापस आए है। यहां के पंचायत भवन पहुंच कर एसडीएम ने सभी से बात की और इनके साथ ही खाना खाया। यहां पर लौटी महिलाओं से एसडीएम ने पूछा कि क्या आपकों पता है कि आपको अलग क्यों रखा गया है और यह कोरोना क्या है। इस पर एक मजूदर महिला ने बताया कि साहब यह बहुत खतरनाक बीमारी है। चीन से आई है। इससे बचकर रहना है। एसडीएम ने पूछा कि आपको यह कैसे पता। इस पर महिला ने बताया कि उसने दिल्ली में लोगों से सुना है और समाचार भी जानकारी दी जा रही है। महिला ने यह भी बताया कि इससे बचने के लिए आपस में दूरी बनाए रखना जरूरी है।
राशन की मदद करें लोग: वहीं एसडीएम ने लोगों से इस समय गरीबों की मदद करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के चलते कई परिवारों में आपातकाल जैसी परिस्थितियां निर्मित हो रही है। ऐसे में इन परिवारों के पास राशन मुहैया कराना हम सब की जिम्मेदारी है। इसके लिए उन्होंने समाज के लोगों के साथ ही विभिन्न संगठनों से अपील की है कि वह राशन सामग्री का दान करें। इसके लिए उन्होंने कंट्रोल रूम में सामग्री पहुंचाने की अपील की है।