scriptएक साल बाद भी अधर में अटकी संविलियन नीति | Samvida shikshak samviliyan niti | Patrika News
टीकमगढ़

एक साल बाद भी अधर में अटकी संविलियन नीति

प्राथमिक और माध्यमिक के 300 से अधिक शिक्षकों को अपने घर जाने का इंतजार

टीकमगढ़Jun 14, 2018 / 11:36 am

anil rawat

Soviet policy

Soviet policy

टीकमगढ़. संविदा शिक्षकों के लिए स्थानांतरण नीति न होने के कारण प्रदेश सरकार ने पिछले वर्ष इनके लिए संविलियन नीति बनाई थी। लेकिन एक साल पूरा होने के बाद भी जिले के प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में पदस्थ 300 से अधिक शिक्षकों को इसका लाभ मिलता नही दिखाई दे रहा है। कल से प्रारंभ होने वाले नवीन शिक्षण सत्र को देखते हुए शिक्षकों को लग रहा है कि कहीं ऐसा न हो इस बार भी उनका संविलियन अधर में लटक जाए।
विभिन्न निकायों के तहत पदस्थ किए गए संविदा शिक्षकों के स्थानातरण के लिए कोई नीति न होने के कारण पिछले वर्ष 10 जुलाई 2017 को स्कूल शिक्षा विभाग ने इनके लिए अंतर्निकाय संविलियन और मैच्यूअल संविलियन नीति बनाई थी। इस नीति के तहत प्राथमिक, माध्यमिक, हाई स्कूल और हायर सेकेण्डरी स्कूल में पदस्थ संविदा शिक्षकों, अध्यापकों को अपना निकाय परिर्वतित करने एवं अपने गृह जिले में जाने की सुविधा दी गई थी। इस नीति को बने एक साल पूरा होने को है, लेकिन अब तक प्राथमिक और माध्यमिक शाला के संविदा शिक्षकों को इसका लाभ मिलता नही दिखाई दे रहा है।
यह थी नीति: अंतर्निकाय संविलियन और मैच्यूअल संविलियन नीति के तहत दूसरे जिले के शिक्षक अपना निकाय परिर्वतन कर अपने गृह जिले में जा सकते है या उनके गृह जिले में पदस्थ टीकमगढ़ जिले के शिक्षक के साथ मैच्युअल कर स्थानांतरण करा सकते है। इस नीति के तहत प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में पदस्थ 166 शिक्षकों ने निकाय परिर्वतन एवं 146 शिक्षकों ने मैच्यूअल संविलियन के लिए ऑन लाईन आवेदन किए थे। यह आवेदन नवम्बर 2017 में कराए गए थे। लेकिन इसके बाद से प्रक्रिया अधर में अटकी हुई है।

यह था नियम: इस नीति के तहत पुरूष वर्ग के वह शिक्षक अंतर्निकाय संविलियन करा सकते थे, जिनकी सेवा 5 वर्ष की हो चुकी है। वहीं महिला शिक्षकों के लिए समय की बाध्यता न रखते हुए यह नियम बनाया गया था कि उनकी शाला में कम से कम 3 शिक्षक होने चाहिए। इसके साथ ही शिक्षक जिला पंचायत से जिला पंचायत या नगरीय निकाय से पंचायत में अपना संविलियन करा सकते थे।
टल सकती है संविलियन: शासन की इस नीति के तहत अपने ऑन लाईन आवेदन देने वाले शिक्षकों के मन में अब संशय बना हुआ है। शिक्षकों का कहना है कि नवीन शिक्षण सत्र प्रारंभ हो चुका है। कल से स्कूल प्रारंभ हो जाएंगे और अभी तक इसे लेकर कोई कार्रवाई प्रारंभ नही हुई है। ऐसे में कहीं ऐसा न हो, कि इस वर्ष यह संविलियन रोक दिया जाए। विदित हो कि इस नीति के तहत केवल हायर सेकेण्डरी और हाई स्कूल के अध्यापकों एवं सहायक अध्यापकों को ही राहत दी गई है। इसकी कार्रवाई भी अभी पूरी नही हो सकी है।
मिलेगी सुविधा: विदित हो कि संविदा शिक्षक के पद पर पदस्थ हुए अनेक शिक्षक अपने घरों से काफी दूर नौकरी कर रहे है। ऐसे में अपने वह लोग अपने परिवार से दूर रह कर काम कर रहे है। परिवार से दूर होने के कारण कई शिक्षकों को अपने माता-पिता और बच्चों को लेकर अक्सर चिंता लगी रहती है। इन शिक्षकों की इस समस्या कोदेखते हुए शासन ने संविलियन की नीति बनाई थी। इस नीति पर अमल होने पर बाहर के शिक्षकों को काफी सुविधा मिलेगी।
कहते है अधिकारी: हाई स्कूल और हायर सेकेण्डरी की प्रक्रिया अंतिम चरण है। इनके बाद प्राथमिक और माध्यमिक के लिए प्रक्रिया प्रारंभ होगी। जल्द ही इस प्रक्रिया को प्रारंभ किया जाएगा।-अजब सिंह ठाकुर, जिला शिक्षा अधिकारी, टीकमगढ़।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो