यह था नियम: इस नीति के तहत पुरूष वर्ग के वह शिक्षक अंतर्निकाय संविलियन करा सकते थे, जिनकी सेवा 5 वर्ष की हो चुकी है। वहीं महिला शिक्षकों के लिए समय की बाध्यता न रखते हुए यह नियम बनाया गया था कि उनकी शाला में कम से कम 3 शिक्षक होने चाहिए। इसके साथ ही शिक्षक जिला पंचायत से जिला पंचायत या नगरीय निकाय से पंचायत में अपना संविलियन करा सकते थे।
टल सकती है संविलियन: शासन की इस नीति के तहत अपने ऑन लाईन आवेदन देने वाले शिक्षकों के मन में अब संशय बना हुआ है। शिक्षकों का कहना है कि नवीन शिक्षण सत्र प्रारंभ हो चुका है। कल से स्कूल प्रारंभ हो जाएंगे और अभी तक इसे लेकर कोई कार्रवाई प्रारंभ नही हुई है। ऐसे में कहीं ऐसा न हो, कि इस वर्ष यह संविलियन रोक दिया जाए। विदित हो कि इस नीति के तहत केवल हायर सेकेण्डरी और हाई स्कूल के अध्यापकों एवं सहायक अध्यापकों को ही राहत दी गई है। इसकी कार्रवाई भी अभी पूरी नही हो सकी है।
मिलेगी सुविधा: विदित हो कि संविदा शिक्षक के पद पर पदस्थ हुए अनेक शिक्षक अपने घरों से काफी दूर नौकरी कर रहे है। ऐसे में अपने वह लोग अपने परिवार से दूर रह कर काम कर रहे है। परिवार से दूर होने के कारण कई शिक्षकों को अपने माता-पिता और बच्चों को लेकर अक्सर चिंता लगी रहती है। इन शिक्षकों की इस समस्या कोदेखते हुए शासन ने संविलियन की नीति बनाई थी। इस नीति पर अमल होने पर बाहर के शिक्षकों को काफी सुविधा मिलेगी।
कहते है अधिकारी: हाई स्कूल और हायर सेकेण्डरी की प्रक्रिया अंतिम चरण है। इनके बाद प्राथमिक और माध्यमिक के लिए प्रक्रिया प्रारंभ होगी। जल्द ही इस प्रक्रिया को प्रारंभ किया जाएगा।-अजब सिंह ठाकुर, जिला शिक्षा अधिकारी, टीकमगढ़।