scriptरास पूर्णिमा पर जगमोहन दालान में विराजे श्रीरामराजा, कृष्ण रूप के भी होंगे दर्शन | Shri Ramaraja Sarkar left the sanctum sanctorum and sat in Jagmohan | Patrika News
टीकमगढ़

रास पूर्णिमा पर जगमोहन दालान में विराजे श्रीरामराजा, कृष्ण रूप के भी होंगे दर्शन

दानलीला का हुआ आयोजन

टीकमगढ़Nov 12, 2019 / 11:03 pm

Sanket Shrivastava

Shri Ramaraja Sarkar left the sanctum sanctorum and sat in Jagmohan

Shri Ramaraja Sarkar left the sanctum sanctorum and sat in Jagmohan

टीकमगढ़/ओरछा. पुरातन परंपरा के अनुसार मंगलवार को रास पूर्णिमा के अवसर पर भगवान श्रीरामराजा सरकार गर्भगृह से निकल कर जगमोहन में विराजमान हो गए। सरकार अब तीन दिन तक यही से भक्तोको दर्शन देंगे। रास पूर्णिमा के दो दिन बाद दोज पर गुरूवार को मंदिर में दानलीला(कुतक लीला) का आयोजन किया जाएगा। कार्तिक मास के समापन पर रास पूर्णिमा के अवसर पर भगवान श्रीरामराजा सरकार को चौक में विराजमान किया गया। भगवान को चौक में विराजमान कर शाम की आरती की गई। भगवान आगामी तीन दिन १४ नवम्बर तक चौक में ही भक्तों को दर्शन देंग। कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर सैकड़ों की संख्या में कार्तिक मास का व्रत रखने वाली महिलाओं ने यहां पर आकर भगवान के दर्शन किए।
कृष्ण रूप में देते है दर्शन
मंदिर के प्रधान पुजारी श्रीरमाकांत शरण महाराज ने बताया कि कार्तिक रास पूर्णिमा पर कृष्ण ने गोपियों के साथ रास लीला की थी । कार्तिक माह के इस पर्व पर 14 नबम्वर दोपहर एक बजे मंदिर के आंगन में श्रृद्धालु गोपी कृष्ण की रास लीला के बीच दान लीला होगी । यह आयोजन ओरछा नरेश मधुकरशाह के समय से किया जा रहा है। मधुकर शाह जी कृष्ण भक्त थे और कार्तिक मास की पूर्णिमा पर कृष्ण-गोपी का श्रंृगार कर दानलीला की जाती थी। यहां पर गोपियां भगवान श्रीकृष्ण को दूध-दही का लालच देकर उनसे नृत्य कराती थी। इसके साथ ही उन्हें परेशान करने के लिए हाथ में माखन होने का बहाना करती थी। जब कृष्ण नृत्य कर उनसे माखन मांगते थे तो उन्हें चिढ़ाने के लिए अंगूठा दिखा देती थी। इससे कृष्ण ा नाराज हो जाते थे। बुंदेली में इसे ही कुतक लीला का नाम दे दिया है। उन्होंने बताया कि इस अवसर पर मंदिर के पुजारी भी दर्शनार्थियों को प्रसाद देते समय ऐसा ही करते है। यह ओरछा के रामराजा मंदिर की प्रचलित परंपरा है।

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