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success story: बिना कोचिंग पान वाले के बेटे का आइआइटी में दाखिला, मोबाइल फोन ने बदल दी जिंदगी

locationटीकमगढ़Published: Jul 06, 2020 01:49:48 pm

Submitted by:

Manish Gite

गरीबी में रहकर पढ़ाई की, मोबाइल ने दिया साथ और अब बनने जा रहा है आईआईटीएन…।

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टीकमगढ़। पान की दुकान चलाने वाले छोटे से कारोबारी के बेटे ने बड़ा सपना पूरा कर दिया। उसे आंध्रप्रदेश के तिरुपति बालाजी आइआइटी में दाखिला मिला है। यह उपलब्धि हासिल करने वाले सचिन पुष्पकार वहां एमएससी की पढ़ाई करेंगे। सचिन ने इसके लिए कोई कोचिंग भी नहीं ली है।

 

टीकमगढ़ के बड़ागांव धसान के रहने वाले सचिन वर्तमान में केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर से बीएससी कर रहे हैं। वे जैम (ज्वॉइंट एडमीशन टेस्ट ऑफ एमएससी) की परीक्षा में बैठे थे। 29 जून को जारी पहली सूची में ही उनका चयन हो गया। सचिन के पिता गोविंद पान की दुकान से परिवार का पालन-पोषण करते हैं।

 

पिता की दुकान भी संभालता था
सचिन जब भी घर आता तो एक-दो घंटे के लिए पिता की मदद के लिए दुकान पर भी चला जाता। वहीं, शादी के सीजन में पिता वरमाला बनाने का काम करते हैं। उनके लिए वह सागर से अच्छे फूल एवं बुके आदि भेजता, ताकि ग्राहकी ठीक चले। इन सब के बीच अपनी पढ़ाई कर सचिन ने यह मुकाम हासिल किया है।


मोबाइल फोन ने बदल दी जिंदगी
गोविंद बताते हैं कि उनके पास इतना पैसा नहीं था कि बेटे को कोचिंग कराते। किसी तरह से पैसे जोड़कर एक एंड्रायड मोबाइल खरीद दिया था। उसी से पढ़ाई की और यह उपलब्धि हासिल कर ली। उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा था कि उनका बेटा इतने बड़े संस्थान में पढ़ाई करेगा। सचिन बताते हैं कि पहली बार 2019 में टेस्ट दिया, लेकिन सफलता नहीं मिली। इस टेस्ट का उसे बहुत फायदा हुआ और एक बार फिर से इसी अनुभव के आधार पर तैयारी कर इस बार यह सफलता अर्जित की।

मोबाइल फोन ने बदल दी जिंदगी
गोविंद बताते हैं कि उनके पास इतना पैसा नहीं था कि बेटे को कोचिंग कराते। किसी तरह से पैसे जोड़कर एक एंड्रायड मोबाइल खरीद दिया था। उसी से पढ़ाई की और यह उपलब्धि हासिल कर ली। उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा था कि उनका बेटा इतने बड़े संस्थान में पढ़ाई करेगा। सचिन बताते हैं कि पहली बार 2019 में टेस्ट दिया, लेकिन सफलता नहीं मिली। इस टेस्ट का उसे बहुत फायदा हुआ और एक बार फिर से इसी अनुभव के आधार पर तैयारी कर इस बार यह सफलता अर्जित की।

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